भारत की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी NTPC अपनी नवगठित ग्रीन एनर्जी इकाई ‘NTPC ग्रीन एनर्जी लिमिटेड’ (NGEL) को इस वित्त वर्ष में सूचीबद्ध कराएगी। नई इकाई पैतृक कंपनी की सभी हरित ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन परियोजनाओं के परिचालन से जुड़ी हुई है और उसने वर्ष 2030 तक 60 गीगावॉट हरित ऊर्जा तैयार करने का लक्ष्य रखा है, जो उसकी नियोजित नई तापीय क्षमता का तीन गुना है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आईपीओ लाने का निर्णय एनजीईएल को कोई बड़ा निवेशक नहीं मिल पाने के बाद लिया गया है। उनका कहना है कि कंपनी 5,000 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा रकम जुटाना चाहती है। एसबीआई कैप्स को इस निर्गम के सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान NTPC एनजीईएल के लिए बड़ा निवेशक तलाश रही थी और करीब 11 कंपनियों ने उसमें दिलचस्पी दिखाई थी। NTPC ने 2,000 करोड़ रुपये के संभावित मूल्यांकन पर एनजीईएल में 20-25 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने की योजना बनाई थी।
मलेशियाई तेल एवं गैस कंपनी पेट्रोनास और वैश्विक इस्पात दिग्गज आर्सेलरमित्तल कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB), ब्रुकफील्ड, अबू धाबी की टीएक्यूए और नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) ने बोलियां सौंपी थीं। सूत्रों का कहना है कि इनमें से, पेट्रोनास बातचीत के आखिरी दौर में पहुंच गई थी, लेकिन सौदे के मूल्यांकन को लेकर बात नहीं बन पाई।
इस बातचीत से अवगत एक अधिकारी ने कहा, ‘NTPC बोलीदाता द्वारा प्रस्ताव के मुकाबले ज्यादा मूल्यांकन चाहती थी। इसके अलावा कंपनी को मंत्रिमंडलीय मंजूरी की जरूरत थी। साथ ही, मूल्यांकन को लेकर दोनों पक्षों के बीच असहमति पैदा हो गई थी।’
NGEL के आईपीओ से NTPC को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 6,000 करोड़ रुपये के पूंजी उगाही लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। NTPC इस साल के दौरान 5.8 गीगावॉट की कोयला-आधारित क्षमता तैयार करेगी।