लगातार दो साल घाटे में रहने के बाद गैर जीवन बीमा उद्योग वित्त वर्ष 24 में फायदे में आ गया है। वित्त वर्ष 24 में गैर जीवन बीमा में शामिल सामान्य बीमा कंपनियों, एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों और विशेषीकृत बीमा पीएसयू को कुल मिलाकर 10,119 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) की वित्त वर्ष 24 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार इस उद्योग को वित्त वर्ष 23 में 2,566 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 22 में 2,857 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों को 157 करोड़ रुपये का लाभ, निजी सामान्य बीमा कंपनियों को 5,983 करोड़ रुपये का कर बाद लाभ, विशेषीकृत बीमाकर्ताओं को 3,063 करोड़ रुपये का कर बाद लाभ और एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को 915 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ।
हालांकि वित्त वर्ष 24 में गैर जीवन बीमा कंपनियों का अंडरराइटिंग घाटा गिरकर 28,555 करोड़ रुपये हो गया। यह वित्त वर्ष 23 के 32,797 करोड़ रुपये की तुलना 12.93 फीसदी कम है। गैर जीवन बीमा उद्योग के अंडरराइटिंग घाटे में सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 66 फीसदी यानी 18,862 करोड़ रुपये और शेष निजी क्षेत्र के बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 10,758 करोड़ रुपये थी।
इसी तरह वित्त वर्ष 24 में एकल बीमा कंपनियों का अंडरराइटिंग घाटा बढ़कर 723 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 23 में 529 करोड़ रुपये था। गैर जीवन बीमा कंपनियों के निवेश आय से उनके अंडरराइटिंग घाटे की भरपाई होती है। विशेषीकृत बीमा कंपनियों का अंडरराइटिंग लाभ वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 1,788 करोड़ रुपये हो गया जबकि यह वित्त वर्ष 23 में 1,747 करोड़ रुपये था।