सीमेंट बेचने वाला डीलर नेटवर्क पिछले वित्त वर्ष के दौरान सीमेंट बिक्री में हुए इजाफे के अनुरूप रफ्तार कायम रखने में विफल रहा है। शीर्ष सीमेंट विनिर्माताओं के आंकड़ों से यह पता चलता है। उद्योग के विशेषज्ञों का सुझाव है कि गैर-व्यापारिक मांग में वृद्धि, बड़ी डीलरशिप पर ध्यान केंद्रित करने और ऑनलाइन बिक्री की वजह से ऐसा हो सकता है।
देश की शीर्ष पांच सीमेंट विनिर्माताओं में से तीन – अंबुजा सीमेंट्स, श्री सीमेंट और नुवोको विस्टास कॉर्प ने वित्त वर्ष 24 में जिन डीलरों को सीमेंट बेचा है, उनकी संख्या में गिरावट देखी गई है। वार्षिक रिपोर्टों से एकत्रित आंकड़ों के अनुसार अन्य दो – भारत की सबसे बड़ी सीमेंट विनिर्माता अल्ट्राटेक सीमेंट के डीलरों की संख्या में मामूली तीन प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि डालमिया भारत (सीमेंट) डीलरशिप में 10 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि के साथ सबसे अलग रही।
श्री सीमेंट के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अंतिम उपयोगकर्ताओं तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। कंपनी ने अपने जवाब में कहा, ‘हमारे चैनल नेटवर्क, जिसमें डीलर और खुदरा विक्रेता दोनों शामिल हैं, ने वित्त वर्ष 24 में सुधार किया था क्योंकि हमने अपने अंतिम उपयोगकर्ताओं तक बेहतर पहुंच के लिए खुदरा विक्रेताओं पर अपना ध्यान बढ़ाया था। यह लगातार चलने वाली कवायद है और हम अपने चैनल नेटवर्क का निर्माण जारी रखेंगे।’
खबर लिखे जाने तक अंबुजा सीमेंट्स और नुवोको विस्टास को भेजे गए ईमेल सवालों का जवाब नहीं मिला। उद्योग के एक विश्लेषक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘गैर-व्यापार वाली हिस्सेदारी बढ़ने का एक कारण यह भी हो सकता है कि कंपनियां छोटे कारोबार वाले डीलरशिप को तर्कसंगत बना रही हैं।’
गैर-व्यापार का मतलब सीधे संस्थानों, मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे, आवास और अन्य बड़ी वाणिज्यिक परियोजनाओं को बेचे जाने वाले सीमेंट से है। उद्योग के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 24 में 35 से 40 प्रतिशत बिक्री गैर-व्यापार वाली थी।
गैर-व्यापार वाली बिक्री में वृद्धि के अलावा सीमेंट विनिर्माता बड़ी डीलरशिप को प्राथमिकता देते हुए भी दिख रहे हैं क्योंकि वे किसी विशेष बाजार में क्षमता का विस्तार कर रहे हैं।