जून तिमाही (वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही) के दौरान तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के वित्तीय प्रदर्शन में जोरदार सुधार के बावजूद उनके शेयरों में पिछले एक महीने से गिरावट का रुख बना हुआ है।
कच्चे तेल के बढ़ते दामों की वजह से यह गिरावट आई है, जो मंगलवार को बढ़कर 90 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच चुके हैं। यह नौ महीने का सर्वाधिक स्तर है। विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले महीनों में राजनीतिक गहमागहमी की वजह से सरकार वाहनों के ईंधन की कीमतों पर नियंत्रण रख सकती है। यह बात भी हतोत्साहित करने वाली है।
26 जुलाई से 4 अगस्त के बीच आमदनी के अपने परिणामों के बाद से हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के शेयरों में नौ से 11 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
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इन शेयरों के संबंध में निकट अवधि का दृष्टिकोण अनिश्चित बना हुआ है। विश्लेषकों कहना है कि एलपीजी सिलिंडर पर हाल ही में घोषित सरकारी सब्सिडी ने पेट्रोल और डीजल के लिए भी में इस तरह के और उपायों के मद्देनजर बाजार की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक महंतेश सबार्ड ने कहा कि एलपीजी सिलिंडर के दामों में कटौती के बाद सरकार वाहन ईंधन के लिए इस तरह की और सब्सिडी पेश कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो बाजार इसे सकारात्मक रूप से नहीं देखेगा। अगर इस तरह की सब्सिडी का एक हिस्सा तेल विपणन कंपनियों को वहन करना पड़ता है, तो इससे उनकी वित्तीय स्थिति को नुकसान पहुंचेगा। जोखिम का यह तत्व शेयरों को प्रभावित कर रहा है। इसलिए सामरिक दृष्टिकोण से अल्पकालिक निवेशक इस क्षेत्र के संबंध में शायद हल्के रहें।
विशेषज्ञों ने कहा कि पहले से ही कमजोर चल रहा विपणन मार्जिन आगे चिंता का विषय रह सकता है क्योंकि तेल विपणन कंपनियों की किस्मत कच्चे तेल की अनिश्चित कीमतों और चुनाव की गहमागहमी के बीच खुदरा कीमतें बढ़ाने की असमर्थता से जुड़ी हुई है।
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प्रभुदास लीलाधर के स्वर्णेंदु भूषण और पायल शाह ने एक नोट में कहा है कि वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में असाधारण मुनाफा कमाने के बाद हमें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में ओएमसी की कमाई सामान्य हो जाएगी क्योंकि पेट्रोल और डीजल की बेंचमार्क कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से विपणन मार्जिन में फिर से गिरावट आ रही है।
आगामी चुनाव और कच्चे तेल की अनिश्चित कीमतों के मद्देनजर अनुमान है कि ओएमसी प्रति लीटर तीन से 3.5 रुपये का मार्जिन अर्जित करेंगी। इस नोट के अनुसार पेट्रोल पर सकल विपणन मार्जिन (जीआरएम) घटकर 5.5 रुपये प्रति लीटर रह गया है, जबकि अगस्त में डीजल पर यह ऋणात्मक (प्रति लीटर -0.7 रुपये) हो गया था। जुलाई में यह क्रमशः 10.1 रुपये और 7.4 रुपये प्रति लीटर था। प्रति बैरल एक डॉलर की बढ़ोतरी से ओएमसी के सकल विपणन मार्जिन पर प्रति लीटर 50 पैसे तक का असर पड़ता है।