मेटा प्लेटफॉर्म (पूर्व में फेसबुक) ने भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के 213 करोड़ रुपये के दंड लगाए जाने के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील पंचाट (एनसीएलएटी) का दरवाजा सोमवार को खटखटाया। पंचाट की पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 16 जनवरी तय की है। दरअसल, भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग ने तकनीकी दिग्गज मेटा प्लेटफॉर्म के खिलाफ व्हाट्स ऐप की 2021 की निजता नीति में अपने मजबूती स्थिति का बेजा उपयोग करने के लिए दंड लगाया था।
मेटा ने पंचाट से प्रभाव और हिस्सेदारी के बारे में जानकारी देते हुए तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया। एनसीएलएटी के चेयरपर्सन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक भूषण के नेतृत्व वाली पीठ मामले की सुनवाई करने की संभावना है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने कहा था कि वह कंपनी की गोपनीय नीति की जांच कर रहा है। आयोग के मुताबिक कंपनी की नीति न ही पारदर्शी और न ही इस्तेमाल करने वाले की वैकल्पिक इच्छा पर आधारित नजर आती है। लिहाजा ऐसी नीति से आंकड़ों का अत्यधिक संकलन हो सकता है। ऐसे में लक्षित विज्ञापन के लिए उपभोक्ताओं का ‘पीछा’ किया जाएगा और इसलिए यह उसकी मजबूत स्थिति का कथित दुरुपयोग है।
इस मामले में न्यायालय ने फेसबुक व तत्काल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को इस संबंध में अपना जवाब देने के लिए कुछ समय देने के आदेश दिया था। इस संबंध में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने न्यायालय से तब कहा था कि वह व्हाट्स ऐप की निजता नीति 2021 की जांच में ‘एक इंच भी हटने’ की स्थिति में नहीं था। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने जनवरी 2021 में समाचार के आधार पर व्हाट्स ऐप की दुरुस्त हुई निजता नीति पर कदम उठाने का फैसला किया था।