वैश्विक प्रबंधन परामर्श तथा प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी एक्सेंचर के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विलियम डी. ग्रीन निदेशक मंडल की एक विशेष बैठक की अध्यक्षता करने के लिए भारत आए हुए हैं।
बोर्ड सदस्यों के बारे में उनका मानना है कि ये ऐसे लोग हैं जो एक्सेंचर के हर पहलू से पूरी तरह वाकिफ हैं।मुंबई में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘बोर्ड के सदस्य हमारे लोगों से मिलने का अवसर प्राप्त करेंगे और यहां कामकाज देखेंगे।’
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां कुछ क्षेत्रों में चुनौतियां बरकरार हैं वहीं कुछ अन्य क्षेत्र विशेष सफलता वाले क्षेत्र हैं। ग्रीन ने कहा, ‘कंपनियां आउटसोर्स और ऑफशोर जारी रखेंगी। हम इस प्रक्रिया में उनकी मदद करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हमने वित्तीय कंपनियों में ठहराव को देखा है। हमारे राजस्व का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा वित्तीय सेवाओं से प्राप्त होता है। पूंजी बाजार में हमारा निवेश सिंगल डिजिट में है।’ ग्रीन ने कहा कि एक्सेंचर वैश्विक रूप से अपनी उपस्थिति कायम कर चुकी है और अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
भविष्य में भारत हमारे लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत में एक्सेंचर के कर्मचारियों की संख्या 37,000 है और एक वर्ष की अवधि में यह संख्या बढ़ा कर 50,000 किए जाने की योजना है। उन्होंने कहा, ‘हमें भारत में उम्मीद से अधिक प्रतिभा हासिल हुई है। लोग नौकरियों के लिए नहीं, विशेष अनुभव के लिए हमारे साथ जुड़ रहे हैं।’
एक्सेंचर ने बेंगलुरु में अपनी प्रयोगशाला महज एक वर्ष पहले ही स्थापित की है। यह विश्व में इसकी चौथी प्रयोगशाला है। कंपनी ने नई दिल्ली में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) भी खोला है। ग्रीन ने कहा, ‘भारत हमारे ग्लोबल डिलीवरी मॉडल (जीडीएम) का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह देश एक उन्नयनन केंद्र के रूप में भी भूमिका निभा रहा है।’ एक्सचेंर ने वित्तीय वर्ष 2007 में शोध एवं विकास (आरऐंडडी) पर तकरीबन 1200 करोड़ रुपये खर्च किए।
ग्रीन ने कहा कि चीन, ब्राजील और मध्य यूरोप में एक्सेंचर अच्छा कारोबार कर रही है। उनके मुताबिक पूरे विश्व में रिटेल, दूरसंचार और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में कंपनी की अच्छी मांग है। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पर्सनल कम्प्यूटर निर्माता कंपनी आईबीएम ने इसे तगड़ी चुनौती दी है।
भारत में एक्सेंचर को आईबीएम, केपजेमिनी, इलेक्ट्रोनिक डेटा सिस्टम्स (ईडीएस) के अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज, विप्रो और एचसीएल जैसी भारतीय कंपनियों से भी कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। पिछले महीने कंपनी ने 29 फरवरी को समाप्त हुई तिमाही के लिए तकरीबन 1600 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।