अब तक हमने किस्सों-कहानियों में सुना होगा की कोई इंसान किसी वस्तु को छुए बिना केवल अपने दिमाग से नियंत्रित कर सकता हैं। मगर एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) ने यह कारनामा कर दिखाया है। मस्क ने सोमवार देर रात जानकारी दी कि पहला मानव रोगी, जिसने पिछले महीने न्यूरालिंक से दिमाग में चिप लगवाया था, पूरी तरह से ठीक हो गया है और अब वह अपने विचारों का उपयोग करके कंप्यूटर माउस को कंट्रोल करने में सक्षम है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक स्पेस इवेंट में मस्क ने कहा, “प्रगति अच्छी है, और ऐसा लगता है कि मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया है, तंत्रिका संबंधी प्रभावों के बारे में हम जानते हैं। मरीज सिर्फ सोच कर स्क्रीन के चारों ओर माउस घूमाने में सक्षम है।”
मस्क ने कहा कि न्यूरालिंक अब मरीज से ज्यादा से ज्यादा माउस बटन क्लिक कराने की कोशिश कर रहा है। हालांकि न्यूरालिंक ने अधिक जानकारी के लिए रॉयटर्स के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया।
Also read: Nvidia market rally: रॉकेट बना एनवीडिया का शेयर, Google, Meta और Amazon को पछाड़ हासिल किया ये मुकाम
न्यूरालिंक ने पिछले महीने जनवरी में अपने पहले मानव रोगी के दिमाग में सफलतापूर्वक चिप को लगाया था। कंपनी ने इंसान पर ट्रायल करने के लिए बीते साल सितंबर में मंजूरी ले ली थी। न्यूरालिंक ने कहा है कि अध्ययन में एक रोबोट ऑपरेशन करके इंसान के दिमाग में एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस को इंप्लांट करता है। न्यूरालिंक का शुरुआती लक्ष्य लोगों को अपने विचारों का उपयोग करके कंप्यूटर कर्सर या कीबोर्ड को कंट्रोल करने में सक्षम बनाना है।
न्यूरालिंक 2017 में एलन मस्क द्वारा स्थापित एक स्टार्टअप है। यह एक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस बनाने की कोशिश कर रहा है जो दर्दनाक चोटों वाले लोगों को केवल अपने विचारों का उपयोग करके फोन और पीसी ऑपरेट करने में मदद करेगा। ऐसा करने के लिए, वे लोगों के दिमाग में इलेक्ट्रोड प्रत्यारोपित करने पर काम कर रहे हैं। न्यूरालिंक सबसे पहले लकवा ग्रस्त लोगों की मदद करना चाहता है। मस्क की न्यूरालिंक को लेकर बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)