अच्छी व्यावसासिक रणनीति और बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा (बीएफएसआई) सेगमेंट में कम जोखिम और उच्च वसूली दर के कारण मिड-कैप आईटी कंपनियों ने बड़ी आईटी कंपनियों के मुकाबले में जून 2008 को समाप्त हुई तिमाही के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया।
मोतीलाल ओसवाल के एक विश्लेषक के मुताबिक, ‘कई कंपनियों के लिए बीएफएसआई प्रमुख कार्य क्षेत्र की फर्म नहीं है और यदि है भी तो उन्हें उस दबाव का सामना नहीं करना पड़ रहा है जो शीर्ष स्तर की कंपनियों को करना पड़ता है।’
उदाहरण के लिए मास्टेक को लिया जा सकता है जिसने बीमा और सरकारी सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित किया है। कंपनी ने अगले साल के लिए डॉलर के संदर्भ में अनुमानित रूप से 32 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है। तुलनात्मक रूप से सत्यम कम्प्यूटर सर्विसेज ने पिछले साल डॉलर के संदर्भ में 46 फीसदी की बढ़त हासिल की।
मास्टेक उन कुछ आईटी कंपनियों में से एक है जिन्होंने तय कीमत अनुबंधों से अपना 50 फीसदी राजस्व हासिल किया है। मास्टेक के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुधाकर राम ने बताया, ‘बीमा कारोबार में 50 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। हमने एसजीऐंडए खर्च के लिहाज से भी बढ़त हासिल की और हमारा ग्राहक आधार भी बढ़ा है। हमारे फिक्स्ड-बिड कंट्रेक्ट्स का राजस्व में 50 फीसदी का योगदान है।’
मास्टेक, रोल्टा, 3आई इन्फोटेक, इन्फोटेक एंटरप्राइजेज, बाट्रोनिक्स और जेनसार जैसी कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। विश्लेषकों के मुताबिक टेक महिन्द्रा और पटनी ने भी ग्राहक एकाग्रता पर ध्यान केंद्रित कर बेहतर प्रदर्शन किया। बाट्रोनिक्स अपने राजस्व और मुनाफे दोनों के संदर्भ में अच्छी बढ़त हासिल की। अधिक वसूली दर और सस्ते कच्चे माल के कारण कंपनी का मार्जिन बढ़ा और इसने मुनाफे और राजस्व दोनों में साल दर साल आधार पर तकरीबन चार गुना का इजाफा किया।
कंपनी स्मार्टकार्ड और आरएफआईडी चिप जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करती है जिनका भारत और भारत से बाहर भी बाजार तेजी से बढ़ रहा है। ब्रिटिश टेलीकॉम पर अपनी निर्भरता जारी रखने वाली टेक महिन्द्रा के मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि बीटी के साथ तकरीबन 3,000 करोड़ रुपये का हालिया सौदा इसके लिए अच्छा संकेत है। एंजेल ब्रोकिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘आर्थिक मंदी और आईटी खर्च को लेकर अनिश्चितता को देखते हुए दीर्घावधि के लिए यह मजबूत राजस्व एक सुखद कारक है और कंपनी की मध्यम अवधि की विकास संभावनाओं के बारे में विश्वास पैदा करती है।’
एंजेल ब्रोकिंग के शोध विश्लेषक हरित शाह ने बताया, ‘बीएफएसआई सेगमेंट का जोखिम कम होने से कुछ मिड-कैप कंपनियों ने लार्ज कैप कंपनियों की तुलना में स्पष्ट तौर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। जैसे थ्रीआई इन्फोटेक ने अच्छी बढ़त हासिल की है।’ वैसे विदेशी मौद्रिक घाटा चिंता का विषय बना हुआ है। पहली तिमाही के लिए इन्फोटेक के मुनाफे में 5.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।