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Market Concentration: भारत के प्रमुख उद्योगों में पिछले वित्त वर्ष में बाजार का नियंत्रण बढ़ा!

दूरसंचार, एयरलाइन, सीमेंट, इस्पात और टायर उद्योगों में एचएचआई स्कोर में तेजी, पेंट्स उद्योग में प्रतिस्पर्धी तीव्रता बढ़ी

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कृष्ण कांत   
Last Updated- July 08, 2024 | 10:39 PM IST

भारत के मुख्य उद्योगों में ‘मार्केट कंसन्ट्रेशन’ यानी बाजार दबदबा बढ़ता जा रहा है। प्रमुख कंपनियों ने 2023-24 (वित्त वर्ष 2024) में आंतरिक स्रोतों से विस्तार या अधिग्रहण के माध्यम से कारोबार का बड़ा हिस्सा हासिल किया है। इसकी वजह से उद्योग में बाजार दबदबे का सामान्य पैमाना हर्फिंडल-हिर्शमैन इंडेक्स (एचएचआई) वित्त वर्ष 2024 में दूरसंचार, एयरलाइन, सीमेंट, इस्पात और टायर जैसे उद्योगों में नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

बिजनेस स्टैंडर्ड के विश्लेषण में पेंट्स ही एकमात्र ऐसा उद्योग था जिसने एचएचआई सूचकांक में गिरावट दर्ज की या जेएसडब्ल्यू पेंट्स जैसी नई कंपनियों के बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के कारण प्रतिस्पर्धी तीव्रता में वृद्धि हुई। एवी बिड़ला समूह के प्रवेश से पेंट्स क्षेत्र में बाजार संकेंद्रण और घट सकता है।

आंकड़े पिछले 10 वर्षों में सभी उद्योगों की दो प्रमुख कंपनियों की राजस्व भागीदारी में मजबूत बढ़ोतरी का संकेत दे रहे हैं, जिससे एचएचआई स्कोर में तेजी को बढ़ावा मिला है। उदाहरण के लिए एयरलाइन क्षेत्र में शीर्ष दो कंपनियों की राजस्व भागीदारी वित्त वर्ष 2014 के 53.1 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 92.6 प्रतिशत हो गई। दूरसंचार में यह वित्त वर्ष 2015 के 46.5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 71.9 प्रतिशत हो गई।

इस्पात क्षेत्र में राजस्व भागीदारी इस अवधि में 44.5 प्रतिशत से बढ़कर 57.6 प्रतिशत हो गई। सीमेंट और टायर उद्योग में भी ऐसे ही रुझान बने रहे लेकिन बढ़ोतरी कम रही। इससे इन उद्योगों में एचएचआई के आंकड़े में वृद्धि को बढ़ावा मिला। अमेरिका के न्याय विभाग के एंटीट्रस्ट डिवीजन के बाजार संकेद्रण के कॉमन पैमाने के अनुसार भारत में अधिकांश उद्योगों में या तो बहुत ज्यादा दबदबा है या मध्यम दबदवा है।

अमेरिकी न्याय विभाग और फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) के विलय दिशानिर्देशों (2023) के अनुसार जिस उद्योग में 1,800 का एचएचआई आंकड़ा हो, उसे बहुत ज्यादा दबदबे वाला माना जाता है जबकि 1,000 से 1,800 अंक एचएचआई वाले उद्योग को सामान्य दबदवे वाला। 1,000 से कम एचएचआई का मतलब है कि उद्योग प्रतिस्पर्धी है।

इस पैमाने पर भारत में एयरलाइन क्षेत्र 4,400 के एचएचआई स्कोर के साथ सबसे कम प्रतिस्पर्धी है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023 में विभिन्न एयरलाइनों की राजस्व हिस्सेदारी पर आधारित है। उद्योग में दो सबसे बड़ी एयरलाइन (इंटरग्लोब एविएशन और एयर इंडिया-विस्तारा समूह) का वित्त वर्ष 2023 में सभी एयरलाइन की संयुक्त शुद्ध बिक्री में 92.6 प्रतिशत का योगदान था।

इंडिगो एयरलाइंस का परिचालन करने वाली इंटरग्लोब एविएशन ने वित्त वर्ष 2023 में 54,446.5 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री दर्ज की जबकि एयर इंडिया और टाटा एसआईए एयरलाइंस (जो विस्तारा का परिचालन करती है) ने वित्त वर्ष 2023 में 53,045.6 करोड़ रुपये की संयुक्त शुद्ध बिक्री दर्ज की। 8,572 करोड़ रुपये के आंकड़े के साथ स्पाइसजेट बहुत नीचे तीसरे स्थान पर रही जिसके बाद अकासा (698.7 करोड़ रुपये) रही।

First Published : July 8, 2024 | 10:39 PM IST