facebookmetapixel
Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भावNifty Smallcap में गिरावट की चेतावनी! 3 तकनीकी संकेत दे रहे हैं 5% क्रैश का इशारा

Mankind Pharma फिर करने जा रही करोड़ों का खेला, अब दवाओं के नए बाजार पर कब्जे की तैयारी

मैनकाइंड स्पेशियलिटी के वरिष्ठ अध्यक्ष (सेल्स ऐंड मार्केटिंग) आतिश मजूमदार ने कहा कि उन्हें अगले साल जेनेरिक सेमाग्लूटाइड पेश होने की उम्मीद है।

Last Updated- February 26, 2025 | 10:24 PM IST
Mankind Pharma made a strong entry; The stock jumped 32 percent on the very first day, trading at a premium

बाजार हिस्सेदारी के लिहाज से भारत की चौथी सबसे बड़ी दवा कंपनी मैनकाइंड फार्मा अब इम्यूनोथेरेपी, ऐंटीबॉडी ड्रग कंजुगेट्स, जीन थेरेपी दवाओं के अलावा ग्लूकैगॉन जैसे पेप्टाइड-1 (जीएलपी) जैसी पेप्टाइड और गंभीर उपचारों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। प्रमुख फार्मा कंपनी अब नोवो नॉर्डिस्क की दमदार दवा सेमाग्लूटाइड के अपने जेनरिक वेरिएंट के साथ भी आने की तैयारी कर रही है, जिसे अगले साल पेटेंट से मुक्त कर दिया जाएगा।

मैनकाइंड स्पेशियलिटी के वरिष्ठ अध्यक्ष (सेल्स ऐंड मार्केटिंग) आतिश मजूमदार ने कहा कि उन्हें अगले साल जेनेरिक सेमाग्लूटाइड पेश होने की उम्मीद है और वे जल्द ही अपना वेरिएंट पेश करने की कोशिश करेंगे। मजूमदार का मानना है कि इससे इस श्रेणी की दवाइयों की कीमतों में काफी कमी आएगी। अभी पूरे महीने के कोर्स के लिए जीएलपी-1 श्रेणी की दवाओं की कीमत 40 से 50 हजार रुपये के बीच है।

आमतौर पर देखा जाता है कि पेटेंट खत्म होने के बाद इनोवेटर दवा की कीमतों में करीब 30 से 40 फीसदी की शुरुआती गिरावट आती है और फिर कीमतें धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और अंततः यह मूल कीमत के करीब 75 से 80 फीसदी तक कम हो जाती है। मजूमदार ने कहा कि मोटापा अब दुनिया भर में चर्चा का केंद्र बन गया है और पेटेंट खत्म होने के बाद जेनरिक दवाइयां तेजी से बनने लगेंगी।

First Published - February 26, 2025 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट