दिल्ली की औषधि कंपनी मैनकाइंड फार्मा ने कोविड-19 की दवा के लिए दक्षिण कोरिया की कंपनी देवूंग फार्मास्युटिकल के साथ करार किया है। इसके तहत कोविड-19 के लिए एंटी-पैरासाइटिक दवा निक्लोसैमाइड का क्लीनिकल परीक्षण किया जाएगा। देवूंग की भारतीय इकाई इस दवा के पहले चरण के परीक्षण के लिए मैनकाइंड फार्मा के साथ सहयोग करेगी। उनका मानना है कि कोविड-19 के उपचार के लिए क्लीनिकल परीक्षण से पहले के प्रमाण काफी उत्साहजनक रहे हैं। क्लीनिकल परीक्षण से पहले का अध्ययन जानवरों पर इस दवा के इस्तेमाल के जरिये किया गया था।
बयान में कहा गया है, ‘निक्लोसैमाइड एक एंटहेल्मिंटिक के तौर पर क्लीनिकल उपयोग के लिए तैयार है। हालांकि मौजूदा फॉर्मूलेशन इसके वैकल्पिक क्लीनिकल संकेत के लिए लंबे समय तक प्रभावी रहने वाला वेरिएंट है। इसे खाने की दवा तैयार करने के लिए बाधाओं को भी दूर किए जाने की उम्मीद है।’ एंटहेल्मिंटिक एंटी-पैरासाइटिक दवाओं का समूह है जो मेजबान को कोई खास नुकसान पहुंचाए बिना शरी से परजीवी कीड़े एवं आंतरिक परजीवियों को बाहर करता है।
मैनकाइंड ने एक बयान में कहा है कि इन विट्रो (जिवित कोशिका के बाहर) निक्लोसैमाइड सार्स-सीओवी-2 वायरस के खिलाफ एंटीवायरल प्रभाव के लिहाज से रेमडेसिविर, क्लोरोक्विन और सिक्लेसोनाइड के मुकाबले क्रमश: 40, 26 और 15 गुना अधिक प्रभावी पाई गई। साथ ही निक्लोसैमाइड की इंजेक्शन वाली दवा ने पशुओं पर परीक्षण के दौरान उनके फेफड़ों से वायरस को सफलतापूर्वक हटा दिया। इससे वायरस संक्रमण से मुकाबला करने में मदद मिली।
राइट्स लिमिटेड का एकीकृत लाभ घटा
कोविड-19 संकट के बीच राइट्स लिमिटेड का 30 जून को समाप्त तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 17 फीसदी घटकर 65 करोड़ रुपये रहा। रेलवे की इस परामर्श कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 102 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था। समीक्षावधि में कंपनी की कुल आय 379 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल समान अवधि में 573 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कंपनी का व्यय 290 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान अवधि में 420 करोड़ रुपये था। राइट्स लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राजीव मेहरोत्रा ने कहा कि महामारी की मुश्किलों के बावजूद कंपनी का तिमाही परिणाम संतोषजनक है। हमने बहुत जल्द ही विभिन्न स्थानों पर अपने कामकाज को दोबारा शुरू कर लिया था, जिसने हमारी आय और मार्जिन को बनाए रखने में मदद की। भाषा