देश की सबसे बड़ी यूटीलिटी व्हीकल्स (यूवी) निर्माता कंपनी महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा (एमऐंडएम) अपने वाहनों के लिए छोटे इंजन तैयार कर रही है।
टाटा समूह के छोटी कार के सपने को अब महिंद्रा अमली जामा पहनाना चाहती है। महिन्द्रा सिस्टेक के अध्यक्ष हेमंत लूथरा ने बताया कि कंपनी 650सीसी और 750सीसी के दरम्यान क्षमता वाले इंजन बना रही है। लूथरा ने इस बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
बाजार में इजाफा
लोगान की बिक्री के लिए फ्रांस की रेनो के साथ गठजोड़ कर चुकी एमऐंडएम सभी श्रेणियों के वाहन बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाना चाहती है। गौरतलब है कि सस्ती और छोटी कार बनाने के टाटा समूह के ऐलान के बाद एमऐंडएम जैसी कई कंपनियों ने भी उसी राह पर चलने की तैयारी कर ली है।
2.5 लीटर के इंजन वाली महिन्द्रा बोलेरो की कीमत 5.28 लाख रुपये है। यह यूटीलिटी व्हीकल ग्रामीण भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले वाहनों में शामिल है। मिड सेगमेंट की महिन्द्रा लोगान में 1.4 लीटर का पेट्रोल इंजन इस्तेमाल किया जा रहा है। यह इंजन फ्रांस से आयात किया गया है।
एमऐंडएम ने इटली की इंजीनियरिंग एवं डिजाइन फर्म इंजन इंजीनियरिंग एसआरएल में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की है। इस अधिग्रहण की राशि का खुलासा नहीं किया गया है। कंपनी छोटे और किफायती इंजनों के निर्माण में इटली की इस कंपनी की विशेषज्ञता का इस्तेमाल करना चाहती है।
लूथरा ने बताया, ‘हमने इटली की एक कंपनी का अधिग्रहण किया है जिसे अत्याधुनिक मोटरसाइकिलों के लिए डिजाइन तैयार करने के साथ-साथ लगभग 700 सीसी आकार के छोटे इंजन में ईंधन किफायत में महारत हासिल है। इस दक्षता को ध्यान में रख कर हम इस इंजन का इस्तेमाल कर सकते हैं।’
छोटे इंजन का जमाना
इतालवी कंपनी डुकाती और कई अन्य कंपनियों की सुपरबाइक के लिए इंजन बना रही एमऐंडएम ने अपने वाहनों में भी इस विशेषज्ञता का लाभ उठाने की योजना बनाई है। उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स की छोटी कार नैनो 623सीसी, 2-सिलेंडर पेट्रोल इंजन से लैस होगी वहीं होंडा सीबीआर 600आरआर और यामाहा वाईजेडएफ आर-6 जैसी सुपरबाइक भी इसी आकार के इंजन से लैस हैं।
इतालवी तकनीकी के इस्तेमाल से तैयार किए गए एमऐंडएम के इंजन छोटे इंजनों के बीच उच्च पावर आउटपुट में सक्षम होंगे। इस उद्योग से जुड़े एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘बड़े आकार के पुराने इंजनों से भिन्न ये नए इंजन उच्च पावर आउटपुट से लैस होंगे।’
टाटा मोटर्स और एमऐंडएम जैसी दिग्गज वाहन कंपनियों की मौजूदगी के बावजूद देश में सस्ते वाहनों के बाजार में पहचान कायम किया जाना बाकी है। वैसे, कृषि उपकरण खंड में इस कंपनी ने सस्ते और कम शक्ति वाले ट्रेक्टर उतारे हैं।
इतालवी कंपनी के अधिग्रहण के जरिये समूह की इंजीनियरिंग सर्विसेज एवं डिजाइन इकाई एमऐंडएम सिस्टेक बेहतर बाजार पहुंच, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन कौशल के साथ अपने इंजीनियरिंग सेवा बाजार के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करेगी।
कंपनी के मुताबिक, ‘महिन्द्रा इंजीनियरिंग सर्विसेज के 1,000 से अधिक इंजीनियर हैं जो अत्याधुनिक एवं किफायती समाधान मुहैया कराते हैं और इंजिंस इंजीनियरिंग के तकनीकी कौशल और जरूरतों के लिहाज से मददगार साबित हो सकते हैं।’ एमऐंडएम के 40 अरब रुपये के कुल राजस्व में महिन्द्रा सिस्टेक का योगदान तकरीबन 15 फीसदी है।
सिस्टेक के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा हाल के वर्षों में खरीदी गई कंपनियों से प्राप्त होता है। सिस्टेक के कारोबार में एमऐंडएम का वाहन खंड की भागीदारी तकरीबन 8-10 प्रतिशत है।