दोपहिया और तिपहिया वाहन सहित दूरदराज की मोबिलिटी का विद्युतीकरण एक महत्त्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है। यह बात महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (एमईबी) की मुख्य कार्याधिकारी सुमन मिश्रा ने कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल दूरदराज की मोबिलिटी में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ 2 फीसदी थी जबकि इस साल 7 फीसदी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ तो वह आसानी से 2025 तक 30 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
मिश्रा ने कहा कि फेम2 नीति ने इसमें उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। इससे ग्राहकों के लिए कुल स्वामित्व लागत (टीसीओ) स्थिर हो गई है। उन्होंने कहा, ‘अब राज्यों द्वारा दी जारी सब्सिडी, ईंधन लागत में वृद्धि और ईवी की कम लागत के कारण ई-तिपहिया वाहन की कुल स्वामित्व लागत पेट्रोल-डीजल वाले तिपहिया वाहनों के मुकाबले बेहतर हो गई है। इसका फायदा उठाने के लिए महिंद्रा ने क्षमता एवं उत्पाद पर उल्लेखनीय निवेश की योजना बनाई है।’
