भारत की सरकारी पावर कंपनी NTPC ने न्यूक्लियर एनर्जी के मैदान में बड़ा दांव खेला है। सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अगले 20 सालों में 30 गीगावॉट (GW) न्यूक्लियर पावर विकसित करने की तैयारी कर रही है। पहले सिर्फ 10 GW का प्लान था, लेकिन सरकार ने जैसे ही निजी और विदेशी निवेश को मंजूरी दी, NTPC ने अपना लक्ष्य तीन गुना बढ़ा दिया।
अब इस महा-प्रोजेक्ट पर 62 अरब डॉलर (करीब 5.15 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए जाएंगे। कंपनी इस प्लान के लिए देशभर में जमीन की तलाश कर रही है, हालांकि न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स को लेकर लोकल लोगों का विरोध भी देखने को मिलता है।
किन राज्यों में लगेंगे न्यूक्लियर प्लांट?
सूत्रों के मुताबिक, NTPC ने 8 राज्यों में 27 लोकेशंस को शॉर्टलिस्ट किया है, जहां 50 GW तक न्यूक्लियर क्षमता विकसित करने की संभावना है। ये राज्य हैं:
गुजरात
उत्तर प्रदेश
मध्य प्रदेश
राजस्थान
आंध्र प्रदेश
तमिलनाडु
भारत का न्यूक्लियर मिशन
भारत ने 2047 तक 100 GW न्यूक्लियर पावर का लक्ष्य रखा है। अभी देश में न्यूक्लियर पावर का संचालन सिर्फ ‘न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ (NPCIL) करता है, जिसकी कुल 8 GW क्षमता है। NPCIL इसे 2032 तक 20 GW तक बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
NTPC पहले ही मध्य प्रदेश और राजस्थान में 2.6 GW के दो न्यूक्लियर प्लांट बना रही है।
निजी कंपनियों की एंट्री!
रॉयटर्स के मुताबिक, अब न्यूक्लियर सेक्टर में Tata Power, Reliance Industries, Vedanta और Adani Power जैसी बड़ी कंपनियां भी दिलचस्पी दिखा रही हैं। NTPC ने इसके लिए ‘NTPC परमाणु ऊर्जा निगम’ (NTPC Parmanu Urja Nigam) नाम से एक नई कंपनी बनाई है, जो इस सेक्टर में निवेश और साझेदारी करेगी।
विदेशी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप
NTPC अमेरिका और रूस की कंपनियों के साथ स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMR) बनाने की बातचीत कर रही है। इसमें General Electric, Holtec International और फ्रांस की EDF जैसी कंपनियां शामिल हैं। फ्रांस की EDF ने कहा कि वह भारत में SMR प्रोजेक्ट्स में पार्टनरशिप के लिए पूरी तरह तैयार है।
न्यूक्लियर कानून में बदलाव की तैयारी
अभी के कानूनों के तहत निजी कंपनियां न्यूक्लियर प्लांट्स में निवेश नहीं कर सकतीं। साथ ही, 2010 के ‘न्यूक्लियर डैमेज लॉ’ के कारण General Electric और Westinghouse जैसी विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने से बचती हैं। लेकिन अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यूक्लियर सेक्टर को खोलने और 200 अरब रुपये (2.30 अरब डॉलर) की फंडिंग देने का ऐलान किया है। सरकार चाहती है कि 2033 तक कम से कम पांच SMR प्लांट चालू हो जाएं। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)