facebookmetapixel
Vedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरारGST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम35% करेक्ट हो चुका है ये FMCG Stock, मोतीलाल ओसवाल ने अपग्रेड की रेटिंग; कहा – BUY करें, GST रेट कट से मिलेगा फायदा2025 में भारत की तेल मांग चीन को पीछे छोड़ने वाली है, जानिए क्या होगा असररॉकेट बन गया सोलर फर्म का शेयर, आर्डर मिलते ही 11% दौड़ा; हाल ही में लिस्ट हुई थी कंपनीटायर स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग अपग्रेड कर दी ‘BUY’; कहा-करेक्शन के बाद दौड़ेगा शेयरVeg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी हुई शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्ट

L&T चीन में बढ़ाएगा भागीदारी, यूरोप से आयात करेगा कम

चीनी प्रतिस्पर्धियों को मात देना चुनौतीपूर्ण होने के कारण, एलऐंडटी ने वैश्विक फर्मों में अपनी बिजनेस डेवलपमेंट स्ट्रैटजीज को कुशल बनाने पर जोर दिया है।

Last Updated- June 10, 2024 | 10:04 PM IST
L&T bags order for bullet train project

भारत के सबसे बड़े इंजीनियरिंग समूह लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने दुनिया के हाई-टेक निर्माण बाजार चीन में अपनी भागीदारी बढ़ाने की योजना बनाई है। चीनी प्रतिस्पर्धियों को मात देना चुनौतीपूर्ण होने के कारण, एलऐंडटी ने वैश्विक फर्मों में अपनी बिजनेस डेवलपमेंट स्ट्रैटजीज को कुशल बनाने पर जोर दिया है।

मई में, एलऐंडटी ने घोषणा की थी कि उसने चीन में रसायन दिग्गज बीएएसएफ की एक परियोजना के लिए दो एथाइलेन ऑक्साइड (ईओ) रिएक्टर भेजे हैं। हाई-टेक निर्माण सेगमेंट में कंपनी की मौजूदा ऑर्डर बुक का मूल्य 61 करोड़ डॉलर है, जिसका आधा हिस्सा निर्यात से जुड़ा है। हाई-टेक विनिर्माण हैवी इंजीनियरिंग के अंतर्गत एक उप-खंड है, जो महत्वपूर्ण उत्पादों से संबंधित है, तथा इसमें संयंत्र संचालन के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों पर अधिक निर्भरता होती है।

कंपनी के आंकड़े के अनुसार, इसका 6 प्रतिशत चीन को निर्यात किया जाता है। कंपनी के लिए पूर्णकालिक निदेशक (हैवी इंजीनियरिंग एवं एलऐंडटी वाल्व्स) अनिल परब ने कहा कि चीन के लिए निर्यात भागीदारी 1990 के दशक के आखिर में 20-30 प्रतिश्त के ऊंचे स्तरों से घटकर मौजूदा समय में 6 प्रतिशत रह गई है।

उन्होंने कहा, ‘चीन एक बड़ा बाजार है, लेकिन पहुंच सीमित है।’

एलऐंडटी जहां निर्यात बढ़ाने पर जोर दे रही है, वहीं कंपनी यूरोप से कुछ आयात में कटौती करने पर भी विचार कर रही है। परब ने कहा, ‘हमने यूरोप में काफी खरीदारी की है। लेकिन भारत में अब कुछ नई कंपनियां हैं जिन्होंने बड़ा निवेश किया है और वे यूरोप से हमारी आपूर्तिकर्ता हैं।’

First Published - June 10, 2024 | 10:04 PM IST

संबंधित पोस्ट