केकेआर ऐंड कंपनी की रविवार को जेबी केमिकल्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स से 11,900 करोड़ रुपये (1.42 अरब डॉलर) में निकासी भारत के तेजी से बढ़ते हेल्थकेयर क्षेत्र में उसके लिए एक और सफल दांव साबित हुआ है। इससे इस क्षेत्र में अमेरिका की इस निजी इक्विटी दिग्गज के पिछले मजबूत रिकॉर्ड का पता चलता है। रविवार को केकेआर ने जेबी केमिकल्स में अपनी 46.39 फीसदी हिस्सेदारी टॉरंट फार्मास्युटिकल्स को बेच दी। यह हिस्सेदारी उसने चार साल पहले वर्ष 2020 में जेबी केमिकल्स में खरीदी थी।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा कि इससे पहले केकेआर ने 2020 में मैक्स हेल्थकेयर में पांच गुना रिटर्न कमाया था और वह भारत में अब तक किसी निजी इक्विटी फर्म द्वारा किए गए सबसे बड़ा ब्लॉक डील रहा है। जेबी केमिकल्स में, अमेरिकी फर्म ने निकासी के समय 36 फीसदी का सकल रिटर्न कमाया है, जिसमें इस साल के शुरू में ब्लॉक डील के जरिये कुछ हिस्सेदारी बिक्री भी शामिल है।
जेबी केमिकल्स का सौदा भारत में केकेआर के बढ़ते हेल्थकेयर पोर्टफोलियो को और मजबूत बनाएगा, जिसमें हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज, बेबी मेमोरियल हॉस्पिटल (बीएमएच), हेल्थियम मेडटेक और इनफिनिक्स हेल्थकेयर में हिस्सेदारी शामिल है।
वर्ष 2024 की शुरुआत से, केकेआर की निजी इक्विटी फर्म ने भारत में 2 अरब डॉलर का निवेश किया है। जून में फर्म ने केकेआर कैपिटल मार्केट्स के माध्यम से मणिपाल समूह के लिए 60 करोड़ डॉलर की वित्तीय व्यवस्था की।
मणिपाल समूह भारत की सबसे बड़ी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल चेन में से एक है जो एमऐंडए (मर्जर ऐंड एक्विजिशन) बाजार में सक्रिय है। मणिपाल ने अप्रैल 2023 में सिंगापुर के टेमासेक होल्डिंग्स को अपने हॉस्पिटल व्यवसाय में लगभग 2 अरब डॉलर मूल्य लेनदेन के तहत बड़ी हिस्सेदारी बेची थी।
केकेआर के लगातार हेल्थकेयर संबंधित निवेश भारत के हेल्थकेयर सेक्टर के प्रति निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच किए गए हैं, जिसे गुणवत्तापूर्ण देखभाल की बढ़ती मांग, बढ़ती आय और बीमा की बढ़ती पैठ से बढ़ावा मिल रहा है।