किंगफिशर एयरलाइन ने अप्रैल में प्रस्तावित ए
एयरलाइन अब ये विमान जुलाई में और ऐसे ही पांच विमान अगस्त तक प्राप्त करेगी। किंगफिशर को एक ए340 विमान अप्रैल में हासिल करना था। किंगफिशर एयरलाइंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष हितेश पटेल ने कहा, ‘हमने अपने अंतर्राष्ट्रीय मार्गों के लिए योजना को अंतिम रूप नहीं दिए जाने के कारण डिलीवरी को टाल दिया है।‘
हालांकि, किंगफिशर अपने सभी 10 विशाल विमानों को सितंबर तक हासिल कर लेगी। इन विमानों में ए330एस (इन विमानों को लंदन–मुंबई–दिल्ली मार्ग पर लगाया जाएगा) भी शामिल हैं।विमानों की खेप को टालने के पीछे एक प्रमुख कारण यह भी हो सकता है कि किंगफिशर वेट लीजिंग के लिए एक एयरलाइन की तलाश करने में सक्षम नहीं रही है।
वेट लीजिंग एक ऐसा समझौता है जिसके तहत एक एयरलाइन दूसरी एयरलाइन के लिए विमान
, चालक दल, रखरखाव और बीमा आदि मुहैया कराती है। किंगफिशर एयरलाइन वेट लीजिंग को लेकर एयर–इंडिया से पहले ही बातचीत कर चुकी है। जिसके चलते कंपनी अपनी सेवाएं मुहैया करवाएगी। एयर–इंडिया एक बड़े बोइंग की तलाश में है। इसका कारण बोइंग ड्रीमलाइनर 787 की डिलीवरी के शिडयूल में विलंब है। एयर इंडिया के प्रवक्ता का कहना है, ‘किंगफिशर को एक विमान 6 महीने की लीज पर दिया जाने वाला था, लेकिन सिर्फ 6 महीने के लिए विमान लीज पर देने का कोई मतलब नहीं है।एक और विमान सालभर के लिए दिया जा रहा था
, पर इस बारे में बात नहीं बन पाई।‘ खाड़ी क्षेत्र की विमानन कंपनी एतिहाद एयरवेज भी किंगफिशर एयरक्राफ्ट की वेट लीज पर विचार कर रही है। सिम्पलीफाई डेक्कन के बाद किंगफिशर को भी विदेश में उड़ानों की अनुमति की उम्मीद है।