23 अरब डॉलर के राजस्व वाले जेएसडब्ल्यू समूह के 33 वर्षीय वारिस पार्थ जिंदल का लक्ष्य सीमेंट उद्योग में बड़ी प्रगति का है। अभी इस क्षेत्र में अल्ट्राटेक और अंबुजा सीमेंट का दबदबा है। जेएसडब्ल्यू समूह अभी कई कंपनियों का अधिग्रहण करने के लिए तैयार है। बशर्ते इससे समूह पर अतिरिक्त कर्ज का बोझ न पड़े और मूल्यांकन भी अनुकूल हो। जेएसडब्ल्यू सीमेंट और जेएसडब्ल्यू पेंट्स के प्रबंध निदेशक ने देव चटर्जी के साथ बातचीत में सीमेंट क्षमता को तीगुना यानी 6 करोड़ टन (एमटीपीए) करने के लिए 18 हजार करोड़ रुपये के निवेश करने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि एशियन पेंट्स और आदित्य बिड़ला समूह के जल्द ही इस क्षेत्र प्रवेश करने से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है और पेंट कंपनी की बिक्री का लक्ष्य 10 हजार करोड़ रुपये है। संपादित अंशः
हम सीमेंट कारोबार में अपनी उपस्थिति दमदार तरीके से बढ़ा रहे हैं। जब मैंने साल 2016 में कारोबार की जिम्मेदारी ली थी तब हमारी क्षमता 6 एमटीपीए थी। यह अब बढ़कर 19 एमटीपीए हो गई है। इस साल के अंत तक हम 21 एमटीपीए की क्षमता तक पहुंच जाएंगे। अगले पांच वर्षों में हमारा लक्ष्य अपनी क्षमता का तीन गुना विस्तार यानी 60 एमटीपीए करने का है। इस दौरान हम 18 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। हाल ही में हमने राजस्थान की नीलामी में रणनीतिक रूप से चूना पत्थर की खदानों का अधिग्रहण किया है। इसके इतर, हमने पिछले साल मध्य प्रदेश में इंडिया सीमेंट्स से चूना पत्थर का भंडार खरीदा। वहां हमने 3,200 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
अधिग्रहण का अगर कोई मौका मिलता है तो हम उसका गहन अध्ययन करेंगे। 21 एमटीपीए से 60 एमटीपीए क्षमता हासिल करने के लिए हम अगले साल तक सार्वजनिक बाजार तक जाने की योजना बना रहे हैं। आरंभिक सार्वजनिक निर्गम से प्राप्त राशि हमें 60 एमटीपीए का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी। अगर अधिग्रहण के अवसर सामने आते हैं, तो वे सीमेंट की बढ़ती मांग को देखते हुए हमारे रोडमैप के लक्ष्यों में तेजी ला सकते हैं और तेजी से वृद्धि में मददगार साबित हो सकते हैं। जेएसडब्ल्यू सीमेंट की शीर्ष पांच में रहने की योजना है। 40 एमटीपीए के अलावा हमारी कुल क्षमता लगभग 60 डॉलर प्रति टन हो जाएगी।
हमने साल 2019 में पेंट कारोबार में कदम रखा था और पिछले साल जेएसडब्ल्यू पेंट्स ने 1,500 करोड़ रुपये का कारोबार किया। वित्त वर्ष 2023-24 के अंत तक हम 2,500 करोड़ रुपये का कारोबार करने की राह पर हैं। विज्ञापन और बिक्री संवर्धन पर पर्याप्त व्यय के कारण एबिटा से पहले हमारी कमाई 7-8 फीसदी है। नतीजतन, प्रतिस्पर्धियों की तुलना में हमारा मार्जिन थोड़ा कम है। हालांकि, पेंट क्षेत्र की शीर्ष तीन कंपनियों में रहने की हमारी इच्छा है। वित्त वर्ष 2026-27 तक या कैलेंडर वर्ष 2026 के अंत तक हमारा लक्ष्य 10 हजार करोड़ रुपये का राजस्व हासिल करना है।
खेल के कारोबार में हमारे पास दो अलग-अलग कार्यक्षेत्र है। एक मुनाफा कमाने वाला खेल क्षेत्र, जिसमें बेंगलूरु एफसी (फुटबॉल), हरियाणा स्टीलर्स (कबड्डी) जैसी फ्रैंचाइजी टीमें और इंडियन प्रीमियर लीग और विमिंस प्रीमियर लीग में 50 फीसदी हिस्सेदारी वाली दिल्ली कैपिटल्स (क्रिकेट)। हाल ही में हमने दक्षिण अफ्रीका ट्वंटी-20 लीग में प्रिटोरिया कैपिटल्स टीम खरीदी। यह टीम ने शुरुआती सीजन में ही टूर्नामेंट की उप विजेता रही। जेएसडब्ल्यू का खेल कारोबार तेजी से फलफूल रहा है।