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JSW स्टील और पॉस्को की ओडिशा में 7.7 बिलियन डॉलर निवेश से स्टील प्लांट लगाने की योजना

ओडिशा अपने लौह अयस्क भंडार के लिए जाना जाता है और इस प्लांट की स्थापना के साथ क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

Last Updated- November 05, 2024 | 5:36 PM IST
JSW Steel will invest big in Australian company, emphasis on increasing the security of raw materials ऑस्ट्रेलियाई कंपनी में बड़ा निवेश करेगी JSW स्टील, कच्चे माल की सुरक्षा बढ़ाने पर जोर

भारत की प्रमुख स्टील निर्माता कंपनी JSW स्टील और दक्षिण कोरिया की पॉस्को ने भारत में 65,000 करोड़ रुपये (करीब 7.73 बिलियन डॉलर) के संयुक्त निवेश की योजना बनाई है। यह निवेश भारत में बढ़ती स्टील की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से किया जा रहा है, क्योंकि भारत वर्तमान में दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है।

हाल ही में JSW स्टील और पॉस्को के बीच ओडिशा में एक इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट स्थापित करने के लिए समझौता हुआ है, जिसकी शुरुआती उत्पादन क्षमता 5 मिलियन मीट्रिक टन सालाना होगी। ओडिशा अपने लौह अयस्क भंडार के लिए जाना जाता है और इस प्लांट की स्थापना के साथ क्षेत्र में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

हालांकि यह समझौते कितनी रकम के साथ हुआ है, उसके विवरण आधिकारिक तौर पर नहीं बताए गए हैं, लेकिन मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस प्लांट में शुरुआती निवेश के रूप में 20,000 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। एक सूत्र के अनुसार, यह प्लांट अगले साल तक तैयार हो सकता है, जो भारत की स्टील उत्पादन क्षमता में बड़ी वृद्धि लाएगा।

इस प्लांट के बनने से न केवल भारत की स्टील उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी होगी, बल्कि लोकल रोजगार और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी। JSW स्टील और पॉस्को का यह कदम भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ती स्टील की मांग को पूरा करने के साथ-साथ वैश्विक स्टील बाजार में भी उनकी स्थिति को मजबूत करेगा।

सूत्रों के मुताबिक, इस विस्तार के साथ दोनों कंपनियों का कुल निवेश 7.73 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

भारत में स्टील की बढ़ती मांग और निवेश का आकर्षण

भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ते खर्च ने इसे स्टील की मांग का वैश्विक केंद्र बना दिया है। यूरोप और अमेरिका में मांग घट रही है, लेकिन भारत में अप्रैल से अगस्त के बीच स्टील की मांग ने सात साल का उच्चतम स्तर छू लिया है।

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने के लिए भारत की ओर रुख कर रही हैं, जिससे मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन में तेजी आई है। नए फैक्ट्रियों और गोदामों की स्थापना के कारण देश में स्टील की मांग बढ़ी है।

नए हवाई अड्डों के निर्माण से बढ़ेगी स्टील की मांग

भारत सरकार और प्राइवेट कंपनियां देशभर में नए हवाई अड्डों के निर्माण और पुराने हवाई अड्डों के विस्तार पर 12 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बना रही हैं, जिससे हवाई यात्रा को सुलभ और किफायती बनाया जा सके। इस निवेश से स्टील की मांग को और अधिक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो देश के बुनियादी ढांचे में हो रहे बदलावों में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।

सूत्रों ने कहा, JSW स्टील और दक्षिण कोरियाई कंपनी पॉस्को द्वारा प्रस्तावित नया प्लांट हॉट-रोल्ड, कोल्ड-रोल्ड और गैल्वनाइज्ड स्टील का उत्पादन करेगा। कुछ साल पहले, पॉस्को ने भारत में 12 बिलियन डॉलर के निवेश से एक बड़ा स्टील प्लांट बनाने की योजना बनाई थी, जिसे उस समय का सबसे बड़ा विदेशी निवेश माना जा रहा था। हालांकि, भूमि अधिग्रहण में आई समस्याओं के कारण इस परियोजना को रद्द कर दिया गया था।

फिलहाल, पॉस्को भारत के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में एक कोल्ड-रोल्ड और गैल्वनाइज्ड स्टील मिल का संचालन करती है। यह प्लांट देश के प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माताओं को हाई क्वालिटी वाली स्टील की सप्लाई करता है। यह स्टील ऑटोमोटिव ग्रेड में विशेष रूप से इस्तेमाल होता है।

First Published - November 5, 2024 | 5:28 PM IST

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