मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की डिजिटल शाखा जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms) ने हाल ही में ब्लॉकचेन कंपनी पॉलीगॉन लैब्स (Polygon Labs) के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है। इसके बाद से ही ‘जियोकॉइन’ (JioCoin) इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया है, और यूजर्स इसके स्क्रीनशॉट्स शेयर कर रहे हैं। कई यूजर्स ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जियोकॉइन की तस्वीरें साझा की हैं, हालांकि कंपनी ने इसके बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। इंटरनेट पर जियोकॉइन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म हैं और अटकलें लगाई जा रही है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज क्रिप्टो की दुनिया में कदम रखने की तैयारी कर रही है।
जियोकॉइन (JioCoin) को फिलहाल एक यूटिलिटी टोकन के रूप में देखा जा सकता है। कंपनी की तरफ से जियोकॉइन को लेकर अभी तक कोई भी ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है। क्रिप्टो एजुकेशन और न्यूज प्लेटफॉर्म बिटिनिंग (Bitinning) के सीईओ काशिफ रजा (Kashif Raza) ने अनुमान लगाया है कि भविष्य में जियोकॉइन का इस्तेमाल मोबाइल रिचार्ज या रिलायंस पेट्रोल पंपों पर खरीदारी के लिए किया जा सकता है।
JioCoin ने कई कारणों से क्रिप्टो समुदाय और उससे बाहर के लोगों का ध्यान खींचा है:
1. रिलायंस का प्रभाव: रिलायंस भारत की सबसे बड़ी और प्रभावशाली कंपनियों में से एक है। क्रिप्टो स्पेस में रिलायंस की एंट्री बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कंपनी ने जैसे जियो के साथ टेलीकॉम इंडस्ट्री को बदला, वैसे ही जियोकॉइन से डिजिटल पेमेंट और ब्लॉकचेन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद है।
2. जियो प्लेटफॉर्म्स और पॉलीगॉन लैब्स की साझेदारी: जियोकॉइन की पॉलीगॉन के साथ साझेदारी इसे मजबूत तकनीकी आधार देती है। यह सुनिश्चित करता है कि जियोकॉइन को बड़े पैमाने पर अपनाना आसान और कुशल होगा।
3. भारत की क्रिप्टो पॉलिसी: जियोकॉइन की लॉन्चिंग ऐसे समय में हुई है जब भारत अपनी क्रिप्टो नीतियों को लेकर काम कर रहा है। रिलायंस का यह कदम सरकार के ब्लॉकचेन तकनीक पर फोकस के साथ मेल खाता है। इससे जियोकॉइन भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभा सकता है।
4. उपयोग और अपनाने की संभावनाएं: रिपोर्ट्स के मुताबिक, जियोकॉइन को रिलायंस की सेवाओं में उपयोग किया जा सकता है, जैसे JioMart में खरीदारी, JioPay के जरिए डिजिटल पेमेंट और JioCloud के जरिए डेटा स्टोरेज। इसकी यह संभावित उपयोगिता इसे निवेशकों के बीच और भी लोकप्रिय बना रही है।
5. निवेशकों का उत्साह: जियोकॉइन को लेकर निवेशकों में उत्साह देखा जा रहा है। रिलायंस के साथ इसका जुड़ाव इसे भरोसेमंद बनाता है और इसे संस्थागत और खुदरा निवेशकों दोनों के लिए आकर्षक बनाता है।
देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) का संचालन करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल शाखा जियो प्लेटफॉर्म्स ने ब्लॉकचेन कंपनी पॉलिगॉन लैब्स के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी का उद्देश्य अपनी मौजूदा एप्लिकेशन और सेवाओं में Web3 क्षमताओं को जोड़ना है। इस साझेदारी के माध्यम से रिलायंस 45 करोड़ से अधिक यूजर्स के लिए पॉलिगॉन की ब्लॉकचेन सॉल्यूशंस का उपयोग कर सकेगा।
रिलायंस पॉलिगॉन के इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करता है ताकि वह अपने यूजर्स को इस टेक्नोलॉजी का लाभ उठाने में सक्षम बना सके। वे पॉलिगॉन को बैकएंड के रूप में उपयोग करके एप्लिकेशन बना सकते हैं, जिससे यूजर इस तकनीक का फायदा उठा सकें।” JioCoin भी Polygon के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है।