दवा बनाने वाली नामी कंपनी रैनबैक्सी लैबोरेटरीज को आज जापान के स्वास्थ्य एवं श्रमिक कल्याण मंत्रालय से एम्लोडीपीन दवा के जेनेरिक प्रारुप लिए स्वीकृति मिल ही गई।
एम्लोडीपीन टेबलेट का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के इलाज में किया जाता है।एम्लोडीपीन की 2.5 मिलीग्राम और 5 मिलीग्राम टेबलेट को ही स्वीकृति हासिल हुई है। कंपनी ने बंबई स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करते हुए बाताया कि इस दवा का बाजार लगभग 80 अरब रुपये का है और फिलहाल सबसे बड़ी मात्रा वाली दवा है, जिसे जापान में पेटेंट हासिल होने जा रहा है।
यह टेबलेट जापान में स्वीकृति पाने वाली रैनबैक्सी की पहला स्वतंत्र उत्पाद है। यह किसी गैर जापानी दवा कंपनी द्वारा विकसित किया गया पहला उत्पाद है, जिसे जापान में बेचने के लिए हरी झंडी मिली है।
एमएचएलडब्ल्यू- जापान दवाओं के जेनेरिक प्रारुपों को बढ़ावा दे रहा है, जो 2007 में 17 प्रतिशत था और 2012 में बढ़कर 30 प्रतिशत होने की उम्मीद है।रैनबैक्सी लैब्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक मालविंदर मोहन सिंह का कहना है, ‘जापान में वाकई यह हमारी महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जैसे कि सबसे अधिक जानकारी रखने वाले बाजार में हमारी उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं को स्वीकार करना। इससे जापान में हमारे भरोसे की झलक मिलती है।’
2004 से अभी तक रैनबैक्सी ने जापान में 7 उत्पाद फाइल किए हैं और इसमें कंपनी को 100 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है।रैनबैक्सी जापान के जेनेरिक बाजार में 4 उत्पाद बेचती है।