ITC Chairman and Managing Director Sanjeev Puri
आईटीसी भारत के बाहर अपने सिगरेट के अलावा एफएमसीजी और आतिथ्य सेवा कारोबार का विस्तार करने जा रही है। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव पुरी की नजर आसपास के बाजारों में कारोबार का विस्तार करते हुए कंपनी की स्थिति को मजबूत करने पर है।
पुरी ने हाल में बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा था कि कंपनी भारत के बाहर कारोबार के विस्तार पर जोर देगी। उन्होंने कहा, ‘हम करीब 100 देशों को पहले से ही निर्यात कर रहे हैं और उसे बढ़ाना चाहते हैं। दूसरी ओर, हम आसपास के बाजारों में अहम मुकाम हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’
एफएमसीजी श्रेणी में कंपनी अन्य परिसंपत्तियों का अधिग्रहण कर सकती है अथवा विनिर्माण के लिए अपना कारखाना स्थापित कर सकती है। पुरी ने कहा, ‘अगर किसी आसपास के बाजार में हमें अवसर दिखेगा तो हम वहां निवेश अथवा अधिग्रहण कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी सहायक इकाइयों के जरिये नेपाल में कन्फेक्शनरी और बिस्कुट का उत्पादन पहले ही शुरू कर चुके हैं।’
जहां तक आतिथ्य सेवा कारोबार का सवाल है तो होटल क्षेत्र में आईटीसी का पहला विदेशी उद्यम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में आईटीसी रत्नदीप है। पुरी ने बताया, ‘अगली तिमाही में यह होटल शुरू हो जाना चाहिए।’
मिश्रित उपयोग वाली इस परियोजना में समुद्र किनारे 5.86 एकड़ भूमि पर एक सुपर-प्रीमियम रिहायशी अपार्टमेंट परिसर और एक लक्जरी होटल शामिल हैं। वर्ष 2023 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना के विकास के लिए वेलकम होटल्स लंका (प्राइवेट) लिमिटेड में आईटीसी का निवेश 31 मार्च 2023 तक 2,775 करोड़ रुपये है।
पुरी ने कहा कि कंपनी प्रबंधन करार करेगा ताकि कम से कम संपत्तियों वाली (ऐसेट लाइट मॉडल) नीति के साथ आगे बढ़ा जाए। कंपनी जिन बाजारों की ओर रुख करेगी वे अधिक दूर नहीं होंगे और जो वृद्धि की संभावनाओं के साथ-साथ आईटीसी के पोर्टफोलियो के अनुरूप होंगे। इस लिहाज से कंपनी की नजर पश्चिम एशिया के बाजारों पर हो सकती है।
हल्की परिसंपत्ति वाली नीति में अपने स्वामित्व वाली संपत्तियों के साथ ही कई संपत्तियां ठेके पर लेकर भी चलाई जाती हैं। पुरी मई 2019 में चेयरमैन बनने से काफी पहले 2017 से ही इस रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका मानना है कि वृद्धि को रफ्तार देने के लिए निवेश के साथ-साथ प्रबंधन अनुबंधों पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है।
कंपनी ऐसेट लाइट मॉडल के साथ अपने आतिथ्य सेवा कारोबार को रफ्तार दे रही है। दिसंबर में संस्थागत निवेशकों और वित्तीय विश्लेषकों के सामने दी गई एक प्रस्तुति में आईटीसी ने अगले पांच साल के दौरान 18,000 कमरों के साथ 200 होटलों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा था। इनमें से करीब दो-तिहाई ठेके पर चलाए जाएंगे। आईटीसी के मौजूदा पोर्टफोलियो में करीब 12,000 कमरों के साथ 130 होटल शामिल हैं।
क्या आईटीसी अयोध्या में भी होटल खोलेगी? इस सवाल पर पुरी ने कहा था, ‘वहां कुछ खास अवसर है जिसकी हम तलाश कर रहे हैं।’ अगले तीन महीनों में आईटीसी के चेयरमैन के तौर पर पुरी का पांच साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उनके नेतृत्व में कंपनी ने अपने हरेक कारोबारी क्षेत्र में प्रगति की है। पुरी ने कहा, ‘हम जिन क्षेत्रों में कारोबार करते हैं, उनके लिए भारत में काफी संभावनाएं मौजूद हैं।’
एफएमसीजी में वृद्धि की काफी गुंजाइश है और पुरी उसे दोगुना और उसके बाद फिर दोगुना होते देखना चाहेंगे। कृषि क्षेत्र में मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जबकि पेपरबोर्ड में, भद्राचलम की तर्ज पर एक नई विनिर्माण कारखाना स्थापित करने की योजना है।
मध्य प्रदेश में प्रीमियम मोल्डेड फाइबर उत्पाद विनिर्माण कारखाना के इस वित्त वर्ष के अंत तक चालू होने की उम्मीद है। आईटीसी इन्फोटेक के लिए लक्ष्य को 1 अरब डॉलर तक बढ़ाना है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में आय 3,321 करोड़ रुपये थी।
फूडटेक आईटीसी मार्स भी वृद्धि को रफ्तार दे रही है। बेंगलूरु से उसका विस्तार अब चेन्नई तक हो चुका है। आगे अन्य शहरों में भी विस्तार की योजना है। जहां तक आईटीसी मार्स का सवाल है, तो पुरी का मानना है कि इससे जल्द ही मूल्य को मजबूती मिलेगी।
गुरुवार को अईटीसी के प्रदर्शन की सराहना उसके एकमात्र शेयरधारक ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको (बीएटी) ने भी की थी। कंपनी में बीएटी की 29.03 फीसदी हिस्सेदारी है। बीएटी के मुख्य कार्याधिकारी तादेओ मार्रोको ने नतीजे के बाद निवेशकों के साथ बातचीत में कहा कि आईटीसी में अपनी हिस्सेदारी के लिए बीएटी का रुख काफी सहयोगात्मक रहा है।