आईटीसी (ITC) अपने होटल कारोबार के लिए वैकल्पिक ढांचा ढूंढ रही है, जिसमें रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट्स (रीट्स) भी विचार हो रहा है। ITC के इस कदम का मकसद शेयरधारकों के मूल्य बढ़ाने के तरीके तलाशना है।
जापान की ब्रोकिंग फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल कारोबार का विनिवेश ITC की योजना का हिस्सा है और कंपनी यह काम ऐसे करना चाहती है, जिससे खर्च भी कम हो और कर भी कम देना पड़े। इसके लिए वह रीट, संयुक्त उपक्रम जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं को नापतोल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर में नोमुरा के साथ ITC प्रबंधन की बैठक में ये बातें पता चलीं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जब ITC से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह ‘उपयुक्त परिसंपत्ति’ की नीति लागू करने, मौजूदा संपत्तियों पर ध्यान लगाने और अतिरिक्त आय का स्रोत तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कंपनी उद्योग के हिसाब से अगले चरण के विकास के लिए वैकल्पिक ढांचे के साथ ही मूल्य सृजन की दिशा में भी काम करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अन्य अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।
उद्योग के सूत्रों ने कहा कि होटलों के लिए कई तरह के वैकल्पिक ढांचों पर विचार किया जा रहा है। होटलों का ढांचा थोड़ा जटिल है क्योंकि सभी होटल एक जैसे नहीं होते बल्कि जमीन के हिसाब से उनकी अलग-अलग खासियत हो सकती हैं।
रियल एस्टेट परामर्श फर्म एनारॉक के संस्थापक एवं चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि रीट (REIT) ITC और उसके शेयरधारकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘इससे कंपनी अपनी संपत्तियों से कमाई कर सकेगी और उन पर नियंत्रण भी नहीं गंवाना पड़ेगा। उसकी बैलेंस शीट हल्की हो जाएगी और दूसरे कारोबार के लिए नकदी जुटाने में भी मदद मिलेगी। इससे बड़े पैमाने पर निवेशकों को भी लाभ होगा क्योंकि वे भी रीट निर्गम में हिस्सा ले सकते हैं।’
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रीट ढांचे के तहत ITC अपने एक या ज्यादा होटलों का एक ट्रस्ट बनाकर उसे अलग से लिस्टिंग करा सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के नियमों के अनुसार रीट को अपनी 90 फीसदी कमाई यूनिटधारकों के बीच बांटनी होती है।
रीट जायदाद खरीदे बगैर भी अपने पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट रखने का सुविधाजनक तरीका है। फिलहाल चार सूचीबद्ध रीट हैं – एंबैसी ऑफिस, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (रीट) और नेक्सस सेलेक्ट। नेक्सस सेलेक्ट रियल एस्टेट पर केंद्रित देश का पहला ट्रस्ट है, जिसने मई में 3,200 करोड़ रुपये का रीट निर्गम जारी किया था। इसके पास दो होटल भी हैं।
इनविट भी रीट की तरह होत है मगर उसमें बुनियादी ढांचा संपत्तियां या परियोजनाएं होती हैं। पिछले एक साल में बाजार में कई बड़ी कंपनियों ने इनविट सूचीबद्ध कर पूंजी जुटाई है।
ITC प्रबंधन पिछले कुछ वर्षों से होटलों के लिए किसी अन्य ढांचे पर विचार कर रहा है। लेकिन होटल उद्योग पर कोविड महामारी की मार पड़ने के कारण कंपनी इस पर आगे नहीं बढ़ सकी। बहरहाल अब कारोबार सुधर रहा है।
वित्त वर्ष 2023 में ITC के होटल करोबार की आय इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,348 करोड़ रुपये से करीब दोगुनी होकर 2,689 करोड़ रुपये रही। इस दौरान 557 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2022 में उसे घाटा उठाना पड़ा था।