facebookmetapixel
EPFO के बाहर हजारों पेंशनधारकों का विरोध प्रदर्शन, न्यूनतम पेंशन 7,500 रुपये मासिक करने की मांग कीEPFO ने कर्मचारियों को दी खुशखबरी! 100% निकासी को मिली मंजूरी, अब आसानी से बचत के पैसे निकाल सकेंगेसोना-चांदी में निवेश से पहले जरूर जानें – ETFs पर कैसे वसूला जाएगा टैक्ससितंबर में SIP निवेश ₹29,361 करोड़ की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, क्या कहते हैं एक्सपर्टएक पिता को अपने बच्चों की जिम्मेदारी कब तक उठानी होगी? हिमाचल हाई कोर्ट के फैसले ने छेड़ी बहसDiwali Stocks Picks: एक साल में 27% तक रिटर्न! बजाज ब्रोकिंग ने चुने 2 दमदार शेयरHCLTech Q2 result: दूसरी तिमाही में कंपनी को ₹4,235 करोड़ का मुनाफा, रेवेन्यू ₹31 हजार करोड़ के पारDiwali 2025: जानें गिफ्ट और खरीदारी पर कहां लगेगा टैक्स और कहां मिलेगी छूटRetail Inflation: सितंबर में खुदरा महंगाई घटकर 1.54% पर आई, फूड इंफ्लेशन घटकर -2.28% रहीभारत-अमेरिका व्यापार समझौता पर फिर बातचीत होगी शुरू, इस हफ्ते एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा US

होटल कारोबार का वैक​ल्पिक ढांचा खोज रही ITC

वित्त वर्ष 2023 में ITC के होटल करोबार की आय इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,348 करोड़ रुपये से करीब दोगुनी होकर 2,689 करोड़ रुपये रही

Last Updated- June 16, 2023 | 9:21 PM IST
ITC weighs “alternative” structures for hotels business

आईटीसी (ITC) अपने होटल कारोबार के लिए वैकल्पिक ढांचा ढूंढ रही है, जिसमें रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट्स (रीट्स) भी विचार हो रहा है। ITC के इस कदम का मकसद शेयरधारकों के मूल्य बढ़ाने के तरीके तलाशना है।

जापान की ब्रोकिंग फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल कारोबार का विनिवेश ITC की योजना का हिस्सा है और कंपनी यह काम ऐसे करना चाहती है, जिससे खर्च भी कम हो और कर भी कम देना पड़े। इसके लिए वह रीट, संयुक्त उपक्रम जैसी वि​भिन्न व्यवस्थाओं को नापतोल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंगापुर में नोमुरा के साथ ITC प्रबंधन की बैठक में ये बातें पता चलीं।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जब ITC से इस बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह ‘उपयुक्त परिसंप​त्ति’ की नीति लागू करने, मौजूदा संप​त्तियों पर ध्यान लगाने और अतिरिक्त आय का स्रोत तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही कंपनी उद्योग के हिसाब से अगले चरण के विकास के लिए वैकल्पिक ढांचे के साथ ही मूल्य सृजन की दिशा में भी काम करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अन्य अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी।

उद्योग के सूत्रों ने कहा कि होटलों के लिए कई तरह के वैक​ल्पिक ढांचों पर विचार किया जा रहा है। होटलों का ढांचा थोड़ा जटिल है क्योंकि सभी होटल एक जैसे नहीं होते बल्कि जमीन के हिसाब से उनकी अलग-अलग खासियत हो सकती हैं।

रियल एस्टेट परामर्श फर्म एनारॉक के संस्थापक एवं चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि रीट (REIT) ITC और उसके शेयरधारकों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘इससे कंपनी अपनी संप​त्तियों से कमाई कर सकेगी और उन पर नियंत्रण भी नहीं गंवाना पड़ेगा। उसकी बैलेंस शीट हल्की हो जाएगी और दूसरे कारोबार के लिए नकदी जुटाने में भी मदद मिलेगी। इससे बड़े पैमाने पर निवेशकों को भी लाभ होगा क्योंकि वे भी रीट निर्गम में हिस्सा ले सकते हैं।’

Also read: भारत की Moody’s से सॉवरेन रेटिंग में अपग्रेड की मांग, रेटिंग तय करने के तरीके पर भी दागे सवाल

रीट ढांचे के तहत ITC अपने एक या ज्यादा होटलों का एक ट्रस्ट बनाकर उसे अलग से लिस्टिंग करा सकती है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के नियमों के अनुसार रीट को अपनी 90 फीसदी कमाई यूनिटधारकों के बीच बांटनी होती है।

रीट जायदाद खरीदे बगैर भी अपने पोर्टफोलियो में रियल एस्टेट रखने का सुविधाजनक तरीका है। फिलहाल चार सूचीबद्ध रीट हैं – एंबैसी ऑफिस, माइंडस्पेस बिजनेस पार्क्स, ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट (रीट) और नेक्सस सेलेक्ट। नेक्सस सेलेक्ट रियल एस्टेट पर केंद्रित देश का पहला ट्रस्ट है, जिसने मई में 3,200 करोड़ रुपये का रीट निर्गम जारी किया था। इसके पास दो होटल भी हैं।

इनविट भी रीट की तरह होत है मगर उसमें बुनियादी ढांचा संप​त्तियां या परियोजनाएं होती हैं। पिछले एक साल में बाजार में कई बड़ी कंपनियों ने इनविट सूचीबद्ध कर पूंजी जुटाई है।

Also read: 5 साल में 1 लाख करोड़ रुपये पहुंचेगा पतंजलि ग्रुप का कारोबार, बाबा रामदेव ने लॉन्च किए 14 प्रीमियम प्रोडक्ट्स

ITC प्रबंधन पिछले कुछ वर्षों से होटलों के लिए किसी अन्य ढांचे पर विचार कर रहा है। लेकिन होटल उद्योग पर कोविड महामारी की मार पड़ने के कारण कंपनी इस पर आगे नहीं बढ़ सकी। बहरहाल अब कारोबार सुधर रहा है।

वित्त वर्ष 2023 में ITC के होटल करोबार की आय इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,348 करोड़ रुपये से करीब दोगुनी होकर 2,689 करोड़ रुपये रही। इस दौरान 557 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, जबकि वित्त वर्ष 2022 में उसे घाटा उठाना पड़ा था।

First Published - June 16, 2023 | 9:21 PM IST

संबंधित पोस्ट