facebookmetapixel
Sun Pharma Q2FY26 results: मुनाफा 3% बढ़कर ₹3,118 करोड़ पर, रेवेन्यू भी बढ़ाGold silver price today: सोने चांदी की कीमतों में तेजी, गोल्ड फिर ₹1.20 लाख के पारसड़क से लेकर रक्षा तक निवेश की रफ्तार तेज, FY26 में कैपेक्स 52% तक पंहुचाICICI Pru Life ने उतारा BSE 500 एन्हांस्ड वैल्यू 50 इंडेक्स फंड, इस नए ULIP प्लान में क्या है खास?BEML Q2 results: सितंबर तिमाही में मुनाफा 6% घटकर ₹48 करोड़, कमाई में भी आई कमीFTA में डेयरी, MSMEs के हितों का लगातार ध्यान रखता रहा है भारतः पीयूष गोयलसरकार ने ‘QuantumAI’ नाम की फर्जी निवेश स्कीम पर दी चेतावनी, हर महीने ₹3.5 लाख तक की कमाई का वादा झूठाStocks To Buy: खरीद लो ये 2 Jewellery Stock! ब्रोकरेज का दावा, मिल सकता है 45% तक मुनाफाEPF नियमों पर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी कर्मचारियों को भी देना होगा योगदानSectoral ETFs: हाई रिटर्न का मौका, लेकिन टाइमिंग और जोखिम की समझ जरूरी

टीवी चैनलों पर फिर कसेगी नकेल!

Last Updated- December 07, 2022 | 4:44 PM IST

प्रसारण सामग्री के बारे में बनाए गए नियमों को तोड़ने की प्रसारणकर्ताओं की प्रवृत्ति को काबू में रखने के मद्देनजर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से एक नई सामग्री प्रसारण के लिए संहिता बनाई जा रही है।


मंत्रालय की ओर से मौजूदा सामग्री प्रसारण संहिता की समीक्षा की जा रही है और माना जा रहा है कि यह उसी दिशा में उठाया गया अगला कदम होगा। केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के सामने यह तीसरा प्रस्तावित प्रारूप होगा।

निजी चैनल और सरकार इससे पहले सामग्री प्रसारण से जुड़ी संहिता के दो प्रस्तावों पर लंबी बातचीत के बावजूद एकमत नहीं हो पाए थे। सूचना एवं प्रसारण सचिव सुषमा सिंह का कहना है, ‘हमारा इरादा मौजूदा सामग्री प्रसारण संहिता प्रारूपों की समीक्षा करने का है, जो बदलते समय की जरूरत है।’

सरकार कुछ समाचार चैनलों पर अपराध विषयक कार्यक्रमों में भड़काऊ और विचलित कर देने वाले दृश्यों के प्रसारण पर चिंतित है। समाचार प्रसारणकर्ता संघ, भारतीय प्रसारणकर्ता फाउंडेशन और एफएम रेडियो चैनल समेत कुछ संस्थाओं और प्रसारणकर्ताओं को कहना है कि उनके पास अपनी प्रसारण सामग्री संहिता है।

समाचार प्रसारणकर्ता संघ (एनबीए) के अध्यक्ष और टीवी टुडे नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी जी कृष्णनन का कहना है, ‘हम अगले 30 दिनों में आत्मनियंत्रण के बारे में विवरणिका जारी कर देंगे।’ एनबीए सभी निजी समाचार चैनलों की शीर्ष संस्था है। सामग्री प्रसारण संहिता का वर्तमान प्रारूप सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वैधानिक वेबसाइट पर जुलाई 2007 में पेश किया गया था।

हालांकि निजी प्रसारणकर्ता अपनी संहिता चाहते हैं और वे सरकारी कदम को संपादकीय नियंत्रण में हस्तक्षेप के रूप में देख रहे हैं। फिलहाल केबल टीवी नेटवर्क्स कानून, 1995 और दूरदर्शन और आकाशवाणी के लिए कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता के अलावा देश में कोई और नियम-कानून नहीं हैं, जिनके तहत प्रसारणकर्ताओं पर नजर रखी जा सके।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि प्रसारण सामग्री के बारे में मौजूद दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने और उस पर काबू करने वाले कारगर नियम न होने के कारण मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न टेलीविजन चैनलों को कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करने पर 80 से अधिक चेतावनियां और सलाह जारी कर चुका है।

First Published - August 13, 2008 | 1:09 AM IST

संबंधित पोस्ट