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सॉफ्टवेयर टेस्टिंग करने वाले इंजीनियरों की है मांग

Last Updated- December 08, 2022 | 3:07 AM IST

अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद इंजीनियरों की मांग बनी रहेगी।


इसका मतलब आप यह न समझें कि महज इंजीनियरिंग के डिग्रीधारी लोगों की मांग बढ़ेगी बल्कि जिन इंजीनियरों के पास कोई खास तरह की विशेष योग्यता होगी, उनकी मांग तो बनी ही रहेगी।

पिछली तिमाही में एक कंप्यूटर ट्रेनिंग कंपनी प्राइमोरा में साधारण क्षमता रखने वाले प्रोफेशनलों की मांग में 30 से 40 फीसदी की कमी आई। दूसरी ओर सॉफ्टवेयर का परीक्षण करने वाले इंजीनियरों की मांग में 6-8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि अर्थव्यवस्था के मंदी के इस दौर में यह महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि किसी कंपनी के परिचालन को कैसे बेहतर बनाया जाए। ऐसे में बेहतरीन प्रतिभाओं को हमेशा तवज्जो दी जाती है और बिजनेस की अच्छी समझ रखने वाले लोगों की मांग हमेशा रहती है। वैसे इंजीनियरों की मांग भी होती है जिनके पास विशेष तरह की दक्षता होती है।

मसलन वैसे इंजीनियर जो आर्किटेक्चर पर आधारित प्रोजेक्ट, प्रदर्शन, मैन्युअल और ऑटोमेशन प्रोजेक्ट के लिए सॉफ्टवेयर परीक्षण की क्षमता रखते हैं, उनकी मांग बढ़ रही है। प्राइमोरा के सीईओ मधु मूर्ति कहते हैं, ‘ज्यादातर आईटी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों में सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की मांग दोगुनी रफ्तार से बढ़ रही है।’

वैसे मूर्ति को यह जानना चाहिए कि पिछले दो महीने में ऐपलैब्स, वर्चुसा, को-मेकर आईटी, ई मिड्स, पाईकॉर्प और प्रेसमार्ट में लगभग 40 फीसदी लोगों को एंट्री लेवल के टेस्टिंग जॉब के लिए रखा गया है। इन टेस्टिंग इंजीनियरों को बैंकिग, फाइनैंस, इंश्योरेंस, टेलीकॉम, नेटवर्किंग और गेमिंग सेक्टर में नौकरी मिल रही है।

आप यह देख सकते हैं कि कैसे प्रोडक्ट कंपनियों के मुकाबले सर्विस कंपनियों की तरफ लोगों का रुख हो रहा है। इसकी वजह यह है कि किसी भी प्रोडक्ट कंपनी के नतीजे आने में 3-4 साल का वक्त लगता है जबकि कुछ सर्विस कंपनियों में काम तो अनुबंध के आधार पर होता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इंजीनियर इस तरह के जॉब में खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करते हैं। एडिस्टा टेस्टिंग इंस्टीटयूट के सीईओ प्रदीप चेन्नावाझूला का कहना है, ‘आजकल विशेष योग्यता वाले इंजीनियरों की मांग बढ़ रही है।

कंपनियां वैसे इंजीनियरों को ही ले रही हैं जो बेहतरीन संस्थानों से विशेष प्रशिक्षण लेकर आए हैं। इससे उनको इन प्रोफेशनलों को अलग से कोई प्रशिक्षण देने की जरूरत ही नहीं होती और उनकी लागत में भी कमी आती है।

दरअसल कंपनियां अपनी लागत को कम करने के लिए प्रोफेशनलों की भीड़ जुटाने के बजाय, कम संख्या में सबसे बेहतरीन प्रोफे शनलों को ही रख रही है जिनके पास विशेष योग्यता होती है। कंपनियां उनको तीन महीने के अनुबंध के आधार पर नौकरी देकर उनकी दक्षता को आंकती हैं और उन्हें भुगतान करती हैं।’

चेन्नावाझूला का कहना है कि यह लोगों को कम पैसे में काम पर रखने का सबसे सही समय है। लगभग 40-50 कंपनियों ने ऐसे प्रोफेशनलों की मांग भी की है और हमने लगभग 170 इंजीनियरों को कई कंपनियों में नौकरियां भी दिलवाई है।

एडिस्टा बेंगलुरु के बैंकिंग सॉल्यूशन के लिए काम करने वाली आईटी कंपनी के लिए 500 टेस्टिंग इंजीनियरों को प्रशिक्षण दे रही है। इस आईटी कंपनी को एक यूरोपियन बैंक की ओर से दो बड़े प्रोजेक्ट का काम भी मिला हुआ है।

पिछली तिमाही में ही इसने ऐपलैब्स के लिए 65 टेस्टिंग इंजीनियरों को नौकरी पर रखा है। कई संस्थानों और कंपनियों को यह उम्मीद है कि अमेरिका के वित्तीय बैंकों के विलय और अधिग्रहण से भारत को आउटसोर्सिंग का काम जरूर मिलेगा और फिर नौकरियां भी मिलेंगी।

जब बैंकों के विलय होंगे तो डाटा को भी एक जगह मिलाने की जरूरत होगी और तब टेस्टिंग यानी परीक्षण की खास भूमिका होगी। आईटी सेवा मुहैया कराने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी इंटेलीग्रुप के टेस्टिंग प्रैक्टिस के प्रमुख संगीता दास का कहना है, ‘एक बार जब डिजाइन और तकनीकी विकास का काम हो जाता है तब टेस्टिंग के जरिए भारत में लोगों को निश्चित तौर पर नौकरियां मिलेंगी। अगले 2-3 तिमाही में ही भारत में और ज्यादा टेस्टिंग आउटसोर्सिंग का काम मिलेगा।’ 

सॉफ्टवेयर टेस्टिंग कंपनी ऐपलैब्स के वाइस प्रेसीडेंटु(स्ट्रैटजिक एकाउंट) साई चिंताला का कहना है, ‘ टेस्टिंग का काम जब स्वतंत्र रूप से होने लगेगा तब बहुत सारी नौकरियां विदेशों से आएंगी। हमलोग नए ग्राहकों और मौजूदा अकाउंट को भी विस्तार दे रहे हैं।’

चिंताला का कहना है कि भारत में काफी अवसर मिल रहे हैं। भारत में ई-कामर्स में 30 फीसदी की बढोतरी हो रही है। ऐसे में वेब से जुड़े एप्लीकेशन में प्रदर्शन और सुरक्षा का मुद्दा अहम हो जाता है और इससे और भी ज्यादा कारोबार के विकल्प तैयार होते हैं। एसओए आधारित टेस्टिंग की मांग भी अब बढ़ रही है।

First Published - November 13, 2008 | 11:15 PM IST

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