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दूरसंचार क्षेत्र को मिलेगा प्रोत्साहन

Last Updated- December 12, 2022 | 8:11 AM IST

देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) शुरू करने के बाद सरकार ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए अगले पांच वर्षों के लिए 12,195 करोड़ रुपये की योजना की आज घोषणा की।
मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरण, मुख्य ट्रांसमिशन उपकरण, 4जी/5जी अगली पीढ़ी के रेडियो एक्सेस नेटवर्क और वायरलेस उपकरण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक्सेस उपकरणों तथा अन्य वायरलेस उपकरणों, स्विच, राउटर्स आदि के विनिर्माण के लिए पीएलआई को मंजूरी दे दी।
संचार मंत्रालय ने कहा कि यह योजना इस साल 1 अप्रैल से शुरू होगी। योजना की पात्रता समेकित निवेश की न्यूनतम सीमा और विनिर्मित वस्तुओं की कुल बिक्री का लक्ष्य हासिल करने पर निर्भर होगी। वित्त वर्ष 2019-20 को विनिर्मित वस्तुओं की कुल बिक्री की गणना के लिए आधार वर्ष माना जाएगा।
योजना में एमएसएमई के लिए ज्यादा प्रोत्साहन का भी प्रस्ताव है। एमएसएमई के लिए सरकार ने पहले तीन साल के वास्ते एक फीसदी ज्यादा प्रोत्साहन का प्रस्ताव किया है। एमएसएमई के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 10 करोड़ रुपये रखी गई है जबकि अन्य के लिए यह 100 करोड़ रुपये है। इस योजना के पात्र निवेशकों को उनकी न्यूनतम निवेश सीमा के 20 गुना तक प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे वे अपनी अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग करने में सक्षम होंगे। यह कदम मोबाइल उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स पुर्जों, चिकित्सा उपकरणों तथा एपीआई में पीएलआई की सफलता के बाद उसके विस्तार का ही हिस्सा है। मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में पीएलआई का दायरा बढ़ाकर 10 उद्योगों को शामिल किया था और उन्हें 1.46 लाख करोड़ रुपये प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया था। इन उद्योगों में वाहन और कलपुर्जा, दूरसंचार उपकरण, लैपटॉप, पीसी, एयर कंडीशनर, इलेक्ट्रिक बैटरी आदि  शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल बजट में 1.97 लाख करोड़ रुपये मूल्य की रियायतों की घोषणा की है और सरकार ने इसका विस्तार करते हुए टेलीविजन, एयर कंडीशनर और खाद्य प्रसंस्करण को भी इसमें शामिल कर दिया है।
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दूरसंचार उपकरणों के लिए इस योजना को शुरू करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाना चाहती है और कारोबार की सुगमता के लिए अनुकूल माहौल भी तैयार किया है। उद्योग ने इस कदम का स्वागत किया है। उद्योग संगठन एमएआईटी के मुख्य कार्याधिकारी जॉर्ज पॉल ने कहा, ‘दूरसंचार उपकरण विनिर्माण के लिए पीएलआई को मंजूर करने के लिए हम सरकार को धन्यवाद देते हैं। इस तरह के प्रोत्साहनों से भारत को दुनिया का विनिर्माण का केंद्र बनाने में मदद मिलेगी। इससे देश में विनिर्माताओं के लिए कई अवसर पैदा होंगे और कंपनियां यहां अपनी आपूर्ति शृंखला का विस्तार कर सकती है और देश सही मायने में आत्मनिर्भर बन सकता है।’
पिछले साल ऐपल और सैमसंग ने पीएलआई योजना के लिए प्रतिभागिता में दिलचस्पी दिखाई है।

First Published - February 17, 2021 | 10:59 PM IST

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