एथेंस के पहले ओलंपिक में जहां सारा दारोमदार खिलाड़ियों के ऊपर था वहीं इस ओलंपिक में तकनीक भी उतनी ही अहम है जितना उसे इस्तेमाल करने वाला खिलाड़ी।
पेइचिंग ओलंपिक 2008 में तकनीक की मदद से खिलाड़ी अपने ही पहले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। अगर अमेरिका की कंपनी स्पीडो के स्विमवीयर ‘एलजेडआर रेसर’ की बात करे तो इसे बनाने में कंपनी ने नासा के वैज्ञानिकों की मदद ली है।
इस स्विम सूट को पहनने वाले खिलाड़ियों ने 48 में से 44 रिकॉर्ड ध्वस्त किए हैं। जिसमें इस ओलंपिक में अभी तक आठ स्वर्ण पदक जीतने वाले माइकल फेल्प्स भी शामिल हैं। यह स्विमवीयर लहरों से पड़ने वाले दबाव को कम करता है जिससे तैराक की रफ्तार को बढ़ावा मिलता है।
नाइकी का नया ‘स्विफ्ट सूट’ भी हवा से पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को कम करता है। जिससे धावक को 100 मीटर की दौड़ के दौरान लगभग .02 सैकेंड का फायदा मिलता है। हालांकि असाफा पावेल को इस सूट से इस बार कोई फायदा नहीं हुआ और वो हार गए।
इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की साइकिल टीम इस बार ओलंपिक में उन साइकिलों का इस्तेमाल करेगी जिनका परीक्षण विंड टनल में किया गया है। आमतौर पर विंड टनल में डिजाइनर एयरक्राफ्ट्स का परीक्षण होता है। इससे साइकिल चालकों को हवा के दबाव को घटाने में मदद मिलती है।
इसी तरह इस ओलंपिक में कपड़े भी काफी पतले होते जा रहे हैं। नाइकी का ‘एयरोग्राफिक्स’ इंजीनियरिंग तकनीक के बना एक ऐसा कपड़ा है जिसमें आम कपड़ो के मुकाबले आधे से भी कम यार्न का इस्तेमाल हुआ है। इसके इस्तेमाल से कपड़े का वजन घटने के साथ ही यह गर्मी में ज्यादा आरामदायक और ज्यादा ठंडा रहता है।
इसके अलावा नाइकी ने ‘फलाईवायर’ नाम से सबसे हल्का और सबसे मजबूत जूता ओलंपिक के लिए बाजार में उतारा है। इस जूते में लगे स्पाइक्स का वजन 100 ग्राम से भी कम है। नाइकी ने घुड़सवारी करने वालों के लिए भी खास बूट्स बनाए हैं। इन बूटों की सहायता से घुड़सवार को पैर जमाकर बैठने में आसानी होती है।
कंपनी ने ताइक्वांडों प्रतियोगिताओं के लिए जूते बनाने से पहले लगभग 20 तरह के चमड़े का परीक्षण किया था। इस जूते के लिए कंपनी ने सबसे तेज आवाज करने वाले चमड़े को चुना। जिससे प्रतियोगिता के समय आवाज तेज हो और जजों को खिलाड़ियों को नंबर देने में आसानी हो।
तकनीक का सही इस्तेमाल इस ओलंपिक में काफी महत्वपूर्ण है। इसीलिए खेलों के सामान का निर्माण करने वाली जर्मन दिग्गज कंपनी एडिडास ने भी 400 मीटर की दौड़ के लिए अमेरिकी खिलाड़ी जेरेमी वारिनर के लिए ‘लोन स्टार’ नाम के रेसिंग शूज बनाए हैं।
कार्बन नैनो टयूब से बनी इस जूते की सोल स्टील के स्पाइक्स से 20 फीसदी ज्यादा मजबूत हैं। इस जूते को पहनने वाले का झुकाव हर वक्त बायीं तरफ होता है। इसके पीछे कारण है कि ओवल ट्रैक में कभी भी दायीं तरफ नहीं मुड़ना होता है। एडिडास ने एडिस्टार नाम से रोइंग प्रतियोगिताओं के लिए भी जूते उतारे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि पेइचिंग ओलंपिक अभी तक के सबसे महंगे ओलंपिक खेल हैं। इस ओलंपिक के आयोजन के लिए साल 2001 से 2007 तक बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, यातायात और पानी आपूर्ति की परियोजनाओं पर 1,763 अरब रुपये खर्च कर चुका है। इस ओलंपिक के साथ ही ऑन लाइन और ऑन डिमांड वीडियो की भी शुरुआत हुई है।