सरकार ने फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर, गूगल जैसी सोशल मीडिया फर्मों और नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम, डिज्नी हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्मों का संचालन तथा दुरुपयोग रोकने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम, 2021 को आज अधिसूचित कर दिया।
नियमों के तहत सोशल मीडिया मध्यस्थ और बड़े उपयोगकर्ताओं वाले सोशल मीडिया के बीच अंतर स्पष्ट किया गया है। सरकार दोनों के बीच अंतर के लिए उपयोगकर्ताओं की संख्या की सीमा अधिसूचित करेगी।
सोशल मीडिया से संबंधित नियमों का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा और ओटीटी तथा डिजिटल मीडिया की निगरानी सूचना एवं प्रासरण मंत्रालय द्वारा की जाएगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2018 में जारी किए गए मसौदे के कई प्रावधान सोशल मीडिया के लिए पहले की तरह ही हैं जबकि ओटीटी के लिए स्व-नियमन का प्रावधान किया गया है।
उद्योग और विशेषज्ञों ने सोशल मीडिया और बड़ी तकनीकी फर्मों के नियमन के कदम का स्वागत किया है। हालांकि इसमें सबसे विवादास्पद नियम गलत सामग्री सृजित करने वाले व्यक्ति की पहचान करने का है।
अधिकांश सोशल मीडिया फर्में प्रमुख तौर पर मेसेजिंग सेवाएं मुहैया कराती हैं। ऐसे में उन्हें राष्ट्र विरोधी तथा देश की सुरक्षा एवं संप्रभुता के खिलाफ मानी जाने वाली सामग्री के प्रसार की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति की पहचान उजागर करनी होगी। सोशल मीडिया फर्मों को इसे आईटी अधिनियम की धारा 69 के अंतर्गत सक्षम प्राधिकरण या अदालत द्वारा जारी आदेश के तहत ऐसा करना होगा।
नियम में आगे कहा गया है, ‘सोशल मीडिया फर्मों को संदेश सृजित करने वाले पहले व्यक्ति की पहचान के साथ ही यही भी बताना होगा कि संबंधित कंप्यूटर संसाधन भारत से बाहर तो नहीं है। ऐसे में देश के अंदर पहला संदेश भेजने वाले को संदेश सृजित करने वाला व्यक्ति माना जाएगा।’
साइबर साथी के संस्थापक और अधिवक्ता एन एस नप्पीनई ने कहा, ‘नियमों को देखते हुए ऐसा लगता है कि सरकार ने केवल भारत में पहला संदेश भेजने वालों तक ही पहुंचने का निर्णय किया है। आईटी अधिनियम के तहत आप देश से बाहर के व्यक्ति को भी दबोच सकते हैं।’
आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया फर्में केवल भारत की संप्रभुता, सुरक्षा या लोक व्यवस्था को कमतर करने वाली सूचना की शुरुआत करने वाले प्रथम व्यक्ति की पहचान करनी होगी। हालांकि कंपनी को किसी संदेश की विषय-वस्तु का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने पहले कहा था कि उसके प्लेटफॉर्म पर भेजे जाने वाले संदेश एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन और निजी प्रकृति के होते हैं। ऐसे में इसका खुलासा करने से इसके दुरुपयोग की आशंका होगी। इसके अलावा मध्यस्थों को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी जो अधिनियम एवं कानूनों का पालन सुनिश्चित करेंगे।
सोशल मीडिया कंपनियों को एक संपर्क सूत्र भी नियुक्त करना होगा जिस पर कानून लागू कराने वाली एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करने की जिम्मेदारी होगी। इनके अलावा शिकायतें सुनने के लिए एक स्थानीय अधिकारी भी नियुक्त करना होगा। ये तीनों अधिकारी भारतीय होंगे। हालांकि इन प्रावधानों से मैसेजिंग ऐप के लिए परिचालन करना मुश्किल हो जाएगा। इस बारे में सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर, इंडिया में विधि निदेशक प्रशांत सुगठन कहते हैं, ‘संदेश जहां से पहली बार आया था उसकी पहचान से जुड़े प्रावधान से व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप के परिचालन पर असर पड़ सकता है। संवाद पर नजर रखने और इसके साथ मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त करने की अनिवार्यता से मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।
एक संपर्क सूत्र (व्यक्ति) और शिकायतें सुनने के लिए एक स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति से रही-सही कसर भी पूरी हो जाएगी। इन सभी कायदों से व्हाट्सऐप, सिग्नल और टेलीग्राम जैसी कंपनियों के लिए भारत में परिचालन करना खासा मुश्किल हो जाएगा। यह यूजर के हित में भी नहीं होगा और इससे उनके पास इस्तेमाल करने के कुछ सीमित विकल्प ही रह जाएंगे।’ व्हाट्सऐप और सिग्नल मैसेजिंग ऐप को हरेक महीने एक अनुपालन रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी। इस रिपोर्ट में शिकायतों और इनके निवारण के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करना होगा। सक्रिय रूप से हटाई गई सामग्री का भी जिक्र सोशल मीडिया कंपनियों को इस रिपोर्ट में करना होगा। सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार से कानूनी नोटिस मिलने के 36 घंटों के भीतर सामग्री हटानी होगी।
सरकार के इन नियम-कायदों पर फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने एक कंपनी के तौर पर इंटरनेट पर मौजूदा समय में उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए दिशानिदेशों एवं नियमों का स्वागत किया है। फेसबुक लोगों को अपने प्लेटफॉर्म पर स्वतंत्र एवं सुरक्षित तरीके से अपने विचार रखने में मदद करेगी। नए नियम काफी मायने रखते हैं और हम इनका सावधानी पूर्वक अध्ययन करेंगे। देश में सोशल मीडिया के योगदान पर मंत्री की टिप्पणी की हम सराहना करते हैं। हम भारत में डिजिटल क्रांति को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।’