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केबल ऑपरेटरों पर शिकंजा

Last Updated- December 07, 2022 | 11:41 AM IST

देशभर के करीब 60,000 केबल ऑपरेटरों के लिए अब लाइसेंस लेना जरूरी हो जाएगा।


करीब आठ करोड़ घरों में केबल सेवा उपलब्ध कराने वाले ऑपरेटरों के लिए अब सरकार यह व्यवस्था अनिवार्य करने जा रही है, जिसके तहत उन्हें पांच साल के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इस लाइसेंस को पाने के लिए ऑपरेटरों को एकमुश्त शुल्क चुकाना होगा।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने केबल उद्योग में बदलाव को लेकर मंगलवार को एक मसौदा प्रस्ताव जारी किया, जिसमें केबल ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस को अनिवार्य बनाने के अलावा कुछ और सख्त सुझावों का जिक्र किया गया है।

केबल उद्योग के सूत्रों के अनुसार अगर लाइसेंस को अनिवार्य बनाने के इस सुझाव को सरकार मान लेती है तो एक बार वसूले जाने वाले इंट्री फीस के जरिए सरकार को 60 से 70 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। जारी किए गए मसौदा प्रस्ताव के अनुसार केबल सेवा प्रदान करने वाले केबल ऑपरेटरों और मल्टी सिस्टम ऑपरेटरों (एमएसओ) के लिए सरकार से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य हो जाएगा। ऑपरेटरों को पांच साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके लिए उन्हें अलग अलग श्रेणी के हिसाब से फीस चुकाना पड़ेगा।

ट्राई ने अपने मसौदा प्रस्ताव में कहा है, ‘ऐसे तमाम पंजीकृत केबल ऑपरेटर्स, जिन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन जमा किया हो और एंट्री फीस जमा करा चुके हों, वे लाइसेंस पाने के हकदार होंगे।’ अब तक केबल ऑपरेटरों को सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पंजीकरण शुल्क के तौर पर डाक घर में महज 500 रुपये जमा कराने पड़ते थे। पर अब ट्राई ने जिला स्तर के केबल ऑपरेटरों के लिए 10,000 रुपये और राज्य स्तर के केबल ऑपरेटरों के लिए 1,00,000 रुपये के एंट्री फीस का सुझाव रखा है।

इस फीस को चुकाने के बाद ही ऑपरेटरों को लाइसेंस जारी किया जाएगा। ट्राई के सुझावों के अनुसार स्थानीय केबल ऑपरेटरों और एमएसओ के लिए अलग अलग किस्म के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर के एमएसओ लाइसेंस के लिए कंपनी को एक बार एंट्री फीस जमा करना पड़ेगा जो 25 लाख रुपये होगा। वहीं राज्य और जिला स्तरीय एमएसओ लाइसेंस के लिए क्रमश: 5,00,000 और 10,00,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

इसके अलावा ट्राई ने केबल ऑपरेटरों के लिए आयकर रिटर्न भरना और पैन कार्ड रखना भी अनिवार्य करने का सुझाव दिया है। अगर ट्राई के सुझावों को मान लिया जाता है तो अब केबल ऑपरेटरों को यह भी बताना होगा कि उनके पास कुल कितने उपभोक्ता हैं। केबल उद्योग में निष्पक्षता लाने के उद्देश्य से ट्राई ने यह सुझाव पेश किया है।

केबल ऑपरेटर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीओएफआई) के अध्यक्ष रूप शर्मा ने इन सुझावों को स्वागत करते हुए कहा, ‘लाइसेंस को अनिवार्य बनाने और ऊंचे दर पर एंट्री फीस वसूलने से यह उद्योग थोड़ा व्यवस्थित हो सकेगा।’

केबल ऑपरेटरों को लेना होगा लाइसेंस
शुरू में पांच साल के लिए जारी होगा लाइसेंस
लाइसेंस के लिए भरनी होगी भारी-भरकम फीस

First Published - July 16, 2008 | 12:36 AM IST

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