facebookmetapixel
Microcap defence stocks में दिख रहा तेजी का मौका! ₹840 तक जा सकता है भाव, चेक करें चार्टNBFC Stock पर 2 ब्रोकरेज ने BUY रेटिंग के साथ शुरू की कवरेज, 38% तक अपसाइड के दिए टारगेटअगस्त में कार बिक्री घटी, त्योहारी डिमांड से टू-व्हीलर्स को मि​ला बूस्ट: सियामWPI: अगस्त में थोक महंगाई दर 0.52% पर, खाने-पीने की चीजें हुईं महंगीवक्फ विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: कानून पर रोक नहीं, लेकिन परिषद में होंगे सिर्फ 3 गैर-मुस्लिम सदस्यSBI और दूसरे प्राइवेट बैंक Yes Bank का शेयर बेचकर कमाएंगे ₹13,483 करोड़! ₹10 का शेयर अब बिकेगा ₹21.50 मेंM&M से लेकर Ashok Leyland तक, इन 3 Auto Stocks में बन रहा खरीदारी का मौका, ब्रोकरेज ने कहा- 25% तक मिलेगा रिटर्नUrban Company IPO मिला या नहीं ? फटाफट चेक करें अलॉटमेंट स्टेटस, GMP दे रहा बंपर लिस्टिंग का इशारासोना लुढ़का, चांदी सुस्त शुरुआत के बाद चमकी; जानें MCX पर आज के भावShringar House IPO Allotment today: शेयर मिले या नहीं? तुरंत चेक करें अलॉटमेंट स्टेटस; GMP दे रहा मुनाफे के संकेत

मंदी से प्रतिभा पलायन की रफ्तार मंद

Last Updated- December 10, 2022 | 7:53 PM IST

एक ओर जहां मंदी पूरी दुनिया को रुलाने में लगी है, वहीं हमारे देश में इसका एक सकारात्मक पहलू भी देखने को मिल रहा है।
देश के मक्का कहे जाने वाले भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से विदेशी कंपनियों में प्रतिभा पलायन इस बार थोड़ा कम ही देखने को मिल रहा है। निस्संदेह इसके लिए वैश्विक आर्थिक मंदी को धन्यवाद दिया जाना चाहिए।
भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के निदेशक समीर बरुआ ने बताया कि विदेशी कंपनियों के प्रति छात्रों का आकर्षण थोड़ा कम हो गया है। बरुआ ने बताया, ‘वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से इस बार विदेशों से आने वाली कंपनियों की संख्या कम रहेगी। हालांकि अब घरेलू कंपनियों खास तौर से सार्वजनिक क्षेत्रों की कंपनियों में ज्यादा प्लेसमेंट देखने को मिलेगा।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह देखने को मिल रहा है कि यहां से प्रतिभा पलायन जैसी घटनाएं अब कम हो रही हैं। एक महत्त्वपूर्ण बात यह भी है कि भारतीय कंपनियों के लिए यहां के छात्र काफी किफायती हो जाएंगे।’ बरुआ का मानना है कि यही स्थिति अगले साल भी देखने को मिल सकती है। ऐसे में, संस्थान घरेलू कंपनियों पर ज्यादा ध्यान देगी।
बरुआ ने बताया, ‘घरेलू कंपनियों खास तौर से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नौकरी के ज्यादा अवसर मिलेंगे। यहां यह मायने नहीं करेगा कि नौकरी स्थायी है या नहीं बल्कि यहां मायने यह करेगा कि वह नौकरी कितनी चुनौतीपूर्ण है।’ 
पिछले साल प्लेसमेंट के लिए आने वाली विदेशी कंपनियों की तादाद 35 फीसदी थी। लेकिन इस साल उन कंपनियों में 15 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है। प्रबंधन विशेषज्ञ और कनाडा और भारत में नॉलेज इंक के मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. शैलश ठक्कर ने बताया, ‘आमतौर पर देश में प्रतिभा से लबरेज ज्यादातर छात्र एमएनसी या फिर फॉरच्यून 500 कंपनियों में जाते हैं।
संयोग से कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि देश की प्रतिभा देश में ही रह रही है। यह केवल आईआईटी या फिर आईआईएम में ही देखने को नहीं मिल रहा है बल्कि देश के अन्य प्रमुख संस्थानों में भी देखने को मिल रहा है।’
हालांकि ऐसा नहीं कि देशभक्ति से ओतप्रोत होकर छात्र ऐसा कदम उठा रहे हैं बल्कि मौजूदा परिस्थिति ही ऐसी बन गई है जो कि प्रतिभा पलायन नहीं होने दे रही है। आईआईएम-बी के अध्यक्ष (प्लेसमेंट) सौरभ मुखर्जी ने बताया, ‘पिछले साल संस्थान से 75 छात्र विदेशी कंपनियों के साथ जुड़े थे लेकिन इस साल कम ही छात्र जा पाएंगे। इस साल ज्यादातर छात्र घरेलू कंपनियों खास तौर से सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) के साथ जुड़ेंगे।’

First Published - March 12, 2009 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट