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प्लेसमेंट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां ले रही हैं दिलचस्पी

Last Updated- December 10, 2022 | 7:24 PM IST

इस साल भले ही निजी कंपनियां बिजनेस-स्कूलों के परिसरों से दूर रहीं, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां (पीएसयू) इस अंतर को पाट रही हैं।
बिजनेस स्कूलों का कहना है कि उन्होंने उन सार्वजनिक इकाइयों के पंजीकरण में 20 से 50 फीसदी के बीच इजाफा दर्ज किया है जो छात्रों की भर्ती के लिए परिसरों में आना चाहती हैं।
उदाहरण के लिए, इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आईएमटी) गाजियाबाद में भर्ती के लिए आने वाली पीएसयू की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। पांच नई कंपनियों ने भी इस साल पहली बार परिसर का दौरा किया है। गुजरात के इंस्टीटयूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आनंद (आईआरएमए) में भी ऐसा ही चलन देखा जा रहा है।
आईआरएमए के प्लेसमेंट समन्वयक साश्वत बिस्वास ने कहा, ‘इस साल बड़ी तादाद में सार्वजनिक इकाइयों ने कैम्पस का दौरा किया है। बैंक ऑफ बड़ौदा और सिडबी जैसी कंपनियों ने पहली बार इस कैम्पस में दस्तक दी जबकि यहां हर साल आने वाली आईटीसी, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसी कंपनियां इस बार इस संस्थान से दूर रही हैं। हालांकि संस्थान ने 100 फीसदी प्लेसमेंट दर्ज किया है।’
मौजूदा मंदी का असर न सिर्फ इस साल फाइनल प्लेसमेंट में शिरकत कर रहे संगठनों और कंपनियों पर पड़ा है बल्कि इससे वेतन पैकेजों पर काफी नकारात्मक असर पड़ा है। उदाहरण के लिए, आईआरएम पर उच्चतम वेतन पैकेज 11 लाख रुपये सालाना से घट कर 7 लाख रुपये सालाना रह गया है। औसतन वेतन पैकेज भी 6.13 लाख रुपये से घट कर 4.63 लाख रुपये रह गया है।
बिस्वास ने बताया कि 60 संगठनों ने 94 छात्रों के लिए 222 नौकरियों की पेशकश की है। लगभग 27 विभिन्न संगठनों द्वारा की गई नौकरी की पेशकश छात्रों द्वारा स्वीकार कर ली गई है। पिछले साल लगभग 27 संगठनों ने 100 छात्रों को 246 नौकरियों की पेशकश की थी।
बिजनेस स्कूलों को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को लेकर किसी तरह की शिकायत नहीं है, क्योंकि इनके द्वारा दिया जा रहा वेतन पैकेज काफी अच्छा है। आईआईएफटी के निदेशक डॉ. के. टी. चाको ने कहा, ‘पीएसयू द्वारा दिए जा रहे वेतन पैकेज में काफी सुधार आया है। इसकी एक प्रमुख वजह छठे वेतन आयोग की सिफारिशें हैं।’
दूसरी तरफ छात्र भी स्थाई नौकरी को ध्यान में रख कर ऊंचे वेतन की प्रत्याशा में कमी ला रहे हैं। ज्यादातर बिजनेस स्कूल प्लेसमेंट को जनवरी या फरवरी तक पूरा कर लेते हैं, लेकिन कुछ संस्थानों में इस साल यह प्रक्रिया अप्रैल या मई तक जारी रह सकती है।
आईआईएफटी में प्लेसमेंट प्रमुख मुनीष भार्गव कहते हैं, ‘छात्रों ने ऋण ले रखा है जिसे उन्हें चुकाने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में वे सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में नौकरी पाने को इच्छुक हैं ताकि उन्हें आय का एक स्थाई स्रोत मिल सके।’ संस्थान अब तक 60 फीसदी प्लेसमेंट पूरा कर चुका है। भार्गव को उम्मीद है कि कई और कंपनियों ने संस्थान का दौरा करने की प्रतिबद्धता जताई है जिससे मार्च में प्लेसमेंट में और सुधार आएगा।
कई अन्य बिजनेस स्कूल भी अब तक 60 से 80 फीसदी प्लेसमेंट पूरा करने में सफल रहे हैं। दिल्ली के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएमएस) में प्रति कंपनी भर्तियां लगभग 10 से घट कर 4  छात्र रह गई है और छात्र ब्रांड, उन्हें दिए जाने वाले वेतन पैकेज को लेकर समझौतावादी नजरिया अपना रहे हैं।
एफएमएस के एक छात्र ने कहा, ‘हम लगभग 80 फीसदी प्लेसमेंट के साथ अच्छा महसूस कर रहे हैं और बाकी नियोजन प्रक्रिया पूरी की जानी अभी बाकी है। लेकिन ऐसा पहली बार देखा जा रहा है जब छात्रों की प्रत्याशा में गिरावट आई है।’ अक्सर बिजनेस स्कूल अपने परिसरों में प्लेसमेंट सप्ताह के दौरान एक ही सप्ताह में अपने ज्यादातर छात्रों को नौकरी दिलाने में सफल रहते थे, लेकिन आर्थिक मंदी की वजह से रोजगार दर में आई गिरावट को देखते हुए सभी बिजनेस स्कूलों में यह प्रक्रिया कई महीने चलेगी।
बिजनेस स्कूलों का कहना है कि एफएमसीजी, सूचना प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा, निर्माण और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने उन्हें जानकारी दी है कि वे मार्च में परिसर का दौरा करेंगी और छात्रों को नौकरी देंगी। जिन कंपनियों ने परिसरों का दौरा करने का संकेत दिया है, उनमें आईबीएम, विप्रो टेक्नोलॉजीज, ओरेकल, डीएलएफ लिमिटेड और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएल) प्रमुख रूप से शामिल हैं।
मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीटयूट (एमडीआई), गुड़गांव के प्लेसमेंट अध्यक्ष सुबीर वर्मा ने कहा, ‘इन कंपनियों से हुई बातचीत काफी सकारात्मक है। प्लेसमेंट के लिए शुरू में इन सभी कंपनियों ने कैम्पस का दौरा करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब उन्होंने यहां आने की पुष्टि कर दी है और कहा है कि वे छात्रों को नौकरी देंगी।’ एमडीआई 270 छात्रों के बैच के लिए 60 फीसदी प्लेसमेंट पूरा करने में सफल रहा है।
भारतीय प्रबंधन संस्थान-इंदौर के प्लेसमेंट में कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट कंपनियों ने भाग नहीं लेने का फैसला किया था, लेकिन अब इन कंपनियों ने कहा है कि वे संस्थान का दौरा कर छात्रों की नियुक्ति करेंगी।

First Published - March 9, 2009 | 4:58 PM IST

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