छुट्टियों का मौसम होने के कारण वित्त वर्ष की दूसरी छमाही को आमतौर पर कमजोर माना जाता रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) के दौरान विवेकाधीन खर्चों पर सख्ती और कुछ मामलों में छुट्टियों के कारण IT सेक्टर में नरमी दिख सकती है।
बाजार की करीबी नजर मांग परिदृश्य और ग्राहकों के बजट की स्पष्टता पर टिकी हुई है मगर जेनरेटिव एआई की बढ़ती लोकप्रियता पर भी नजर रखी जाएगी। खास तौर पर ऐसे समय में जब ऐक्सेंचर ने अपने तिमाही नतीजों में ऐसे काम पर अच्छा रुझान बताया।
विश्लेषकों को उम्मीद है कि टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक, विप्रो और एलटीआई माइंडट्री जैसी लार्ज-कैप IT सेवा कंपनियों की राजस्व वृद्धि में 1.5 फीसदी की कमी से लेकर 4.6 फीसदी के बीच वृद्धि रह सकती है। अधिकतर विश्लेषकों को लगता है कि इस तिमाही में मिड-कैप कंपनियों का प्रदर्शन लार्ज-कैप कंपनियों की तुलना में बेहतर रहेगा।
नोमुरा ग्लोबल मार्केट रिसर्च के एक नोट में कहा गया है, ‘तकनीक का अधिक इस्तेमाल करने वाले उद्योगों में लागत का दबाव बढ़ेगा और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकता में तेजी दिखेगी। नतीजतन लघु अवधि में ग्राहकों के IT बजट में स्वचालन और लागत घटाने पर जोर दिखेगा और मध्यावधि में भारतीय IT सेवा कंपनियों के लिए विदेश में काम बढ़ेगा।’
छुट्टियों की लंबी अवधि के कारण परिचालन मार्जिन पर दबाव बरकरार रहेगा। इन्फोसिस और विप्रो के मामले में वेतन वृद्धि के कारण मार्जिन प्रभावित हो सकता है।
बीएनपी परिबास सिक्योरिटीज के कुमार राकेश ने अपने नोट में कहा है कि यह तिमाही संभवतः इस अनिश्चित चक्र में आखिरी तिमाही होगी। उन्होंने कहा, ‘हमारी उम्मीद है कि कुछ कंपनियों में सामान्य से ज्यादा छुट्टी मिलेगी जिसका असर राजस्व पर पड़ेगा मगर हमें लग रहा है कि बड़े काम मिलने से इसकी भरपाई हो रही है।’
किसी बड़े सौदे की घोषणा नहीं होने से भी इस तिमाही में अन्य तिमाहियों की तुलना में थोड़ी नरमी है। इसके अलावा सौदे मिलने के सबसे बड़े बाजार अमेरिका के बजाय ब्रिटेन और यूरोप हैं।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सतीश कुमार एस, वामशी कृष्णन और के सलूजा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रमुख IT कंपनियों द्वारा वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में हासिल किए सौदों की सार्वजनिक घोषणा के विश्लेषण से पता चलता है कि पिछली तिमाहियों की तुलना में उत्तरी अमेरिका से मिले सौदों में आश्चर्यजनक गिरावट आई है।
इसके अलावा पिछली तिमाही के छह बड़े सौदों की तुलना में किसी बड़े सौदे की घोषणा नहीं की गई। अधिकांश सौदे यूरोप स्थिति ग्राहकों के हैं।