प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के तकनीक उद्योग के कठिनाइयों से तेजी से निकलने की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसे जिलों और कस्बों में गहराई तक जाने की जरूरत है, जिससे देश में डिजिटल विभाजन की खाईं को पाटा जा सके।
मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक संकट के बीच भारतीय तकनीकी उद्योग द्वारा कठिनाइयों से तेजी से उबरने का जज्बा नए भारत का एक चमकदार उदाहरण है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब चिप्स डाउन थे, आपके कोड ने चीजों को चालू रखा।’
नैसकॉम ने कोविड-19 महामारी के बावजूद देश के आईटी उद्योग के लिए वित्त वर्ष 21 में 2.3 प्रतिशत राजस्व वृद्धि का अनुमान लगाया है। भारत के आईटी उद्योग का राजस्व चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 194 अरब डॉलर हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 20 के 190 अरब डॉलर से ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के स्टार्टअप के संस्थापकों को एग्जिट और मूल्यांकनों से इतर देखने और वैश्विक स्तर के उत्पाद बनाने पर ध्यान देने पर जोर देने की जरूरत है, जिससे तकनीक के क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में देश की जगह बन सके।
प्रधानमंत्री ने ‘नैसकॉम टेक्नोलॉजी ऐंड लीडरशिप फोरम-2021’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे स्टार्टअप संस्थापकों के लिए मेरा एक विशेष संदेश है। आप अपने को सिर्फ मूल्यांकनों और एग्जिट की रणनीति तक सीमित न करें। आप इस विषय पर सोचें कि आप किस तरह से एक ऐसे संस्थान की स्थापना कर सकते हैं, जो इस सदी को रेखांकित करेंगे। विचार करें कि आप वैश्विक स्तर के उत्पाद तैयार कर सकते हैं, जो गुणवत्ता के वैश्विक मानक के मुताबिक होंगे। इन लक्ष्यों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, इसके बगैर हम सिर्फ अनुसरण करने वाले बन जाएंगे और वैश्विक अगुआ नहीं बन सकेंगे।’ मोदी एनटीएलएफ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे, जो भारत के सॉफ्टवेटर उद्योग के निकाय नैशनल एसोसिएशन आफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विसेज कंपनी का कार्यक्रम है। यह एनटीएलएफ का 29वां कार्यक्रम है और पहली बार इसका वर्चुअल आयोजन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। यह समय नए लक्ष्य बनाने का है। जब भारत 25-26 साल बाद आजादी के 100 साल मनाएगा, हम कितने वैश्विक उत्पाद बनाएं, कितने वैश्विक लीडर बनाएं, यह सोचकर काम करने की जरूरत है। इस लक्ष्य को हासिल करने में देश आपके साथ है।’ निजी क्षेत्र की देश के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की आकांक्षाएं हमें तेजी से आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती हैं, नए भारत से जुड़ीं अपेक्षाएं जितनी सरकार से हैं, उतनी ही देश के निजी क्षेत्र से भी है।
उन्होंने कहा, ‘हमें अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता नापमे के लिए नए मापक तैयार करने होंगे। हमें खुद से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। नवोन्मेष और आईटी क्षेत्र में इंटरप्राइज के साथ वैश्विक तकनीकी दिग्गज बनने के लिए उत्कृष्ठता की संस्कृति और संस्थान बनाने पर बराबर महत्त्व देने की जरूरत है।’
कुछ कंपनियां मूल्य के दबाव के संकट से जूझ रही हैं क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सिकुडऩ आई है, वहीं हाल के आंकड़ों के मुताबिक भारत का आईटी सेवा क्षेत्र 2.7 प्रतिशत बढ़कर 99 अरब डॉलर होने वाला है। वृद्धि को ई कॉमर्स क्षेत्र से बल मिला है, जो 4.8 प्रतिशत बढ़ा है, उसके बाद हॉर्डवेयर सेग्मेंट में 4.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 21 में निर्यात 150 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईटी उद्योग को खासकर कृषि, स्वास्थ्य और वेलनेस, टेलीमेडिसिन, शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में सक्रियता से टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘भारत में विचारों की कमी नहीं है, उन विचारों को वास्तविक रूप देने के लिए संरक्षकों और मार्गदर्शकों की जरूरत है।’
तेल व गैस बुनियादी ढांचे पर 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत सरकार तेल व गैस संबंधी बुनियादी ढांचे पर अगले 5 साल में करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है। रामनाथपुरम-तुतुकोडी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में गैसोलीन डीसल्फराइजेशन यूनिट को देश को समर्पित करने और नागपत्तनम में 31,500 करोड़ रुपये की कावेरी बेसिन रिफाइनरी का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019-20 में भारत ने तेल का 85 प्रतिशत से ज्यादा और गैस का 53 प्रतिशत आयात किया, जिससे घरेलू मांग पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि स्वच्छ और हरित ईंधन की ओर बढ़ें और ऊर्जा पर निर्भरता कम करें। बीएस