आज के हाईटेक जमाने में स्टोरेज डिवाइस की कैपिसिटी कितनी भी हो, हमेशा कम ही लगती है। ज्यादा नहीं, कुछ चार-पांच साल पहले तक डाटा स्टोर करने के लिए लोग-बाग 1.44 एमबी की फ्लोपी का इस्तेमाल करते थे।
फिर जमाना आया सीडी का, जिसमें थी 600-800 एमबी की स्टोरेज कैपिसिटी। लेकिन बदलते जमाने के साथ इतनी मेमोरी भी कम पड़ने लगी, इसी वजह से आई डीवीडी। कुछ समय तो इसकी 4.7 जीबी मेमोरी की काफी गूंज रही, फिर लोगों को यह भी कम लगने लगी। अब जमाना आया है ब्लू रे डिस्क का। आपको पता है, इसकी स्टोरेज कैपिसिटी कितनी है? पूरे 25 जीबी की यानी डीवीडी की तुलना में कम से कम 5.5 गुना ज्यादा।
क्या बला है यह?
ब्लू रे डिस्क या बीडी अगली पीढ़ी का ऑप्टिकल मीडिया डिस्क फॉरमेट है। इसे खास तौर पर हाई डेफिनिशन वीडियो और ऑडियो टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करने के लिए बनाया गया है। मतलब आपको इसके जरिये तस्वीरें गजब की दिखेंगी और इसकी आवाज तो आपके होश ही उड़ा देगी। इस डिस्क को बनाया है, ब्लू डिस्क एसोसिएशन ने।
जानकर हैरानी होगी कि इस एसोसिएशन में इलेक्ट्रोनिक्स, कंप्यूटर हार्डवेयर और फिल्म निर्माण कंपनियां शामिल हैं। एसोसिएशन ने 2006 में इस डिस्क को बाजार में उतारा था। डिस्क में आप वीडियो, ऑडियो और कई तरह के डाटा रख सकते हैं। वैसे, इसका नाम सुनाकर आपको थोड़ी सी हैरानी तो हुई होगी कि ऐसा नाम क्यों?
दरअसल, इस डिस्क को रीड करने के लिए बैंगनी रंग की लेजर की जरूरत होती है। दूसरी तरफ, सामान्य डीवीडी को रीड करने के लिए लाल रंग के लेजर की जरूरत होती है। इसीलिए इस डिस्क का नाम ब्लू रे रखा गया।
कैसे काम करती है यह?
ब्लू रे डिस्क की तकनीक कोई अनोखी या बिल्कुल नहीं है। यह जिस तकनीक पर काम करती है, उसी का इस्तेमाल डीवीडी में भी होता है। लेकिन यह फिर भी डीवीडी से काफी हद तक अलग है। दरअसल, डीवीडी से जुदा ब्लू रे डिस्क में ट्रैक्स काफी पतले होते हैं और गङ्ढों के बीच अंतर भी काफी कम होता है। इसी वजह से अपनी तरह ही दिखने वाली दूसरी डिस्कों की तुलना में ब्लू रे में काफी ज्यादा मेमोरी स्पेस होती है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि यह डिस्क इतनी कंडीशंड है, तो फिर उसमें डाटा कैसे रिकॉर्ड हो सकता है। दरअसल, इस डिस्क में डाटा राइट करने के लिए सबसे कम वेवलेंथ वाली लेजर की जरूरत होती है। इसलिए तो इसमें बैंगनी रंग की लेजर इस्तेमाल की जाती है क्योंकि सभी लेजर में उसकी वेवलेंथ काफी कम होती है।
जब यह लेजर डिस्क में बहुत ही छोटे-छोटे गङ्ढे करती है, तभी उसमें डाटा स्टोर हो पाते हैं। पतले से ट्रैक में ज्यादा से ज्यादा गङ्ढे होने की वजह से ही इस डिस्क की मेमोरी कम से कम 25 जीबी तक की होती है।
क्यों खास है यह?
इस बात का जवाब देना बहुत मुश्किल है। इसलिए नहीं क्योंकि इसमें बहुत खामियां है, बल्कि इसमें इतनी खूबियां हैं कि किसे पहले बताएं इस बारे में बहुत सोचना पड़ता है। सबसे पहली बात तो यह है कि इसकी स्टोरेज कैपिसिटी गजब की है। इसकी एक सिंगल लेयर में कम से कम आप 25 जीबी तक डेटा, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं। इसमें ऐसी चार लेयर तक हो सकती हैं।
मतलब, इसमें कम से कम 200 जीबी तक डेटा लोड कर सकते हैं। हालांकि, अब तक केवल 100 जीबी वाली ब्लू रे डिस्क को बनाया जा सका है। इतनी ज्यादा मेमोरी का मतलब यह है कि यह डिस्क लोगों की नजरों से जल्दी नहीं उतर सकती है। इसमें हाई रिज्योल्यूशन के वीडियो या फिर भारी ऑडियो फाइल्स को स्टोर करने लायक पर्याप्त मेमोरी रहेगी। साथ ही, इसमें डेटा ट्रांसफर की रफ्तार भी अच्छी खासी है।
सामान्य डेटा के मामले में इसकी ट्रांसफर की रफ्तार इसमें 54 एमबी प्रति सेकंड की है, जबकि वीडियो के मामले में 40 एमबी प्रति सेकंड। इसका मतलब नए-नवेले 7.1 चैनल डॉल्बी एचडी फॉरमेट को केवल इसी पर रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसका एक मतलब यह भी है कि इसमें फाइलों को कॉपी करना अब चुटकी का काम बन कर रह जाएगा।
ब्लू रे डिस्क की एक और बड़ी खूबी है, इसका स्क्रैच फ्री होना। अक्सर सीडी और डीवीडी पर फिल्मों का मजा तो स्क्रैच की वजह से किरकिरा हो जाता है। लेकिन ब्लू रे डिस्क में आपको इस झंझट से भी छुटकारा मिल जाएगा।
दरअसल, इसमें इतने छोटे-छोटे गङ्ढे होते हैं कि इस डिस्क को डयूराबिस नामक की एक मोटी कोटिंग की जरूरत होती है। यह कोटिंग इसे स्क्रैच और उंगलियों के निशान से बचाती है। यह कोटिंग स्थैतिक विद्युत भी छोड़ती है, जिसकी वजह से इस पर धूल नहीं जमती। इसमें डेटा सिक्योरिटी की भी जबरदस्त व्यवस्था है।
खामियां भी हैं इसमें
माना इस डिस्क में काफी सारी खूबियां हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसमें कोई खामी ही नहीं है। इसकी कुछ खामियां ऐसी हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना नामुमकिन है। सबसे पहली बात तो यह है कि इस डिस्क की कीमत बहुत ज्यादा है। डीवीडी और सीडी तो आपको 10 से लेकर 30 रुपये में मिल जाएंगी, लेकिन ब्लू रे डिस्क की कीमत आज की तारीख में हजारों में है। इसलिए एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जो इसे खरीद नहीं सकता।
इसी तरह ब्लू रे डिस्क प्लेयर की कीमत भी सामान्य डीवीडी और सीडी प्लेयर के मुकाबले काफी ज्यादा है। जहां डीवीडी प्लेयर आपको 1500 से 3000 रुपये तक के बीच में मिल जाएंगे, वहीं ब्लू रे डिस्क प्लेयर को खरीदने के लिए आपको कम से कम 15,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। साथ ही, इसके सिक्योरिटी फीचर्स की वजह से लोगों की नाक में दम हो गया है। गलत सेटिंग्स की वजह से कई बार लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
भारत भी फिदा
इस तकनीक पर अपना देश भी फिदा है। आज ऊंचे तबके के लोगों के बीच ब्लू रे तकनीक काफी लोकप्रिय हो चुकी है। अब तो इन ब्लू डिस्कों पर कई फिल्में भी रिलीज होने लगी हैं। पिछले साल रिलीज हुई ‘हे बेबी’ बॉलीवुड की पहली ऐसी फिल्म है जिसकी ब्लू रे डिस्क लॉन्च हुई थी। वहीं, शाहरुख खान की सुपरहिट फिल्म ‘ओम शांति ओम’ बॉलीवुड की दूसरी फिल्म बनी, जिसकी ब्लू डिस्क लॉन्च हुई थी।