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उद्योगों में कितने एससी-एसटी: नहीं पता

Last Updated- December 05, 2022 | 6:57 PM IST

भारतीय उद्योग जगत ने लोकहित एजेंडे की घोषणा के एक साल बाद भी अपने यहां अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के कर्मचारियों की संख्या नहीं बताई है।


भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) जैसे उद्योग संगठनों ने कहा था कि वे आंकड़े इकट्ठा कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी सदस्य कंपनियां अपनी सालाना रिपोर्टों में ऐसे कर्मचारियों की संख्या का जरुर उल्लेख करें। लेकिन अब सीआईआई कह रही है कि ऐसा करना संभव नहीं है।अभी तक सीआईआई की 7000 सदस्य कंपनियों में मात्र 579 ने भर्ती को लेकर सकारात्मक  रुख अपनाया है।


सीआईआई की सकारात्मक  पहल परिषद के अध्यक्ष जे जे ईरानी ने बताया कि हम लोग निजी क्षेत्रों में एससी और एसटी के अनुपात को लेकर दुविधा में थे। पिछले एक साल में हमने इनके अनुपातों में वृद्धि की है, फिर भी इनकी संख्या में अभी और बढोतरी करना बाकी है। बिना इसके अनुपात को तय किए बिना इनकी संख्या को बढाना पहले की भांति ही चलता रहेगा।


उद्योग जगत ने पहले इस बात की घोषणा की थी कि क्लर्क  स्तर के पदों में एससी और एसटी का प्रतिशत 15-20 प्रतिशत होना चाहिए जबकि निम् श्रेणी के पदों(स्वीपर आदि) में इनका प्रतिशत 90-100 प्रतिशत होना चाहिए।


ईरानी ने पिछले साल की इस टिप्पणी कि सीआईआई के सदस्य 80-90 सदस्य) इन संख्याओं क ो वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख करने पर राजी हो गए हैं, के बारे में कहा कि अब इन कंपनियों की संख्या और भी ज्यादा है लेकिन वार्षिक रिपोर्ट वस्तुत: एक व्यापार रिपोर्ट होती है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि क्या इन रिपोर्टों में संख्या दी जा सकती है। अगर सरकार इस बारे में जानकारियां लेना चाहती है तो हम देने को तैयार हैं।


ईरानी ने निजी क्षेत्रों में आरक्षण के विरूद्ध सीआईआई के कदम को दुहराते हुए कहा कि वे भर्ती में सकारात्मक भेदभाव के आधार पर एससी और एसटी को आरक्षण देने पर कायम हैं।सीआईआई ने यह कदम 2007 के बाद तब उठाया था जब बहुत सारे राजनीतिक दलों के नेताओं ने निजी क्षेत्रों में आरक्षण को लेकर हल्ला मचाना शुरू किया था। आरक्षण की बात तो नही चल पाई लेकिन एससी और एसटी के लिए काम करने के माहौल और उनकी समेकित वृद्धि के लिए आचार संहिता बनाने की प्रक्रिया जरुर तेज हो गई।


सीआईआई के महानिदेशक एस एस मेहता ने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि उनकी संख्या कम है लेकिन हमारी 60 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां तो छोटे और मझोले श्रेणी में आती हैं। हमारा लक्ष्य है कि इस संदर्भ में उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित किया जाए जहां ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। इससे एससी और एसटी को ज्यादा संख्या में रोजगार भी मिलेगा और इस बाबत अंतर भी नजर आएगा।


ईरानी 2007 के लिए सीआईआई की सकरात्मक पहल की उपलब्धि की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि 2007 में 100 एससी और एसटी उद्यमी तैयार करने की योजना थी और हमने इस प्रक्रिया में 1,594 लोगों को शामिल किया। हमें कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए 10,000 का लक्ष्य दिया गया था और हमने 22,580 लोगों को इस प्रक्रि या से गुजारा। हमने 2007 में 50 छात्रवृतियां भी प्रदान की ।


ईरानी ने कहा कि पिछले साल के लक्ष्यों को हमने बखूबी हासिल किया है और अगले साल के लिए हम कोई संख्या तो निर्धारित नही कर रहे हैं लेकिन इसके संदर्भ में हम प्रतिबद्ध जरूर हैं।

First Published - April 2, 2008 | 10:19 PM IST

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