कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का सेंटर फॉर इंडिया ऐंड ग्लोबल बिजनेस (सीआईजीबी) संबंध मजबूत बनाने और उन्नयन पर साझा शोध कार्यक्रमों के लिए भारतीय कंपनियों और शैक्षिक संस्थानों के साथ भागीदारी करने की संभावना तलाश रहा है।
सीआईजीबी इस पहल के तहत इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता कर भी चुका है और वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम के साथ पर्सनल कम्प्यूटिंग टेक्नोलॉजी और रिटेल अप्लायंसेज के लिए नेटवर्क के क्षेत्रों में शोध के लिए बातचीत कर रहा है।
सीआईजीबी की स्थापना के लिए ब्रिटिश पेट्रोलियम फाउंडेशन की ओर से लगभग 4 करोड़ रुपये का योगदान हासिल हुआ था। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ज्यूज बिजनेस स्कूल में स्थित सीआईजीबी का उद्देश्य भारतीय नवपरिवर्तनवादियों को बढ़ावा देने के लिए पूरी दुनिया की व्यावसायिक, शैक्षणिक हस्तियों को एक मंच पर लाना है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इंडियन बिजनेस ऐंड एंटरप्राइज के प्रोफेसर जयदीप प्रभु कहते हैं कि शोध के दायरे में तीन क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा – भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की नई गतिविधियां, भारतीय फर्मों के अंतरराष्ट्रीयकरण और सामाजिक-आर्थिक पिरामिड के बॉटम के लिए उन्नयन।
नीति निर्माताओं के साथ काम करने के लिए ज्यूज बिजनेस स्कूल ने उद्यमिता पर आधारित एक प्रोग्राम की पेशकश के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
संकाय सदस्यों को नौकरी पर रखे जाने की केंद्र की योजना के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने कहा, ‘हमने इंडीविजुअल फैकल्टी को एक मंच पर लाए जाने की योजना बनाई है। इसलिए औपचारिक संस्थानों के साथ गठजोड़ किया जाना जरूरी नहीं है।’
ज्यूज बिजनेस स्कूल के निदेशक आर्नोल्ड डी मेयर कहते हैं कि वे शोध के लिए दूरसंचार कंपनियों के साथ गठजोड़ किए जाने की संभावना तलाश रहे हैं और इस सिलसिले में भारती एयरटेल के अधिकारियों ने उनसे बातचीत की है।
हालांकि केंद्र अभी कोष की संभावना नहीं तलाश रहा है। यह मौजूदा संसाधनों के साथ दक्षता के साथ काम करने के लिए लंबे समय के लिए रास्ता तलाशना चाहता है।
