अपनी मर्जी का ऑपरेटर चुनने पर लंबी दूरी की कॉल सस्ती होने का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक बुरी खबर। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की इस छूट के बाद भी मोबाइल फोन की कॉल दरों में कमी आने की उम्मीद नहीं है।
कई देशों में लोगों को मोबाइल सेवा या फिक्स्ड लाइन सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी और एनएलडी और आईएलडी सेवा देने वाली कंपनी में कड़ा मुकाबला होने के कारण लोगों को कॉल दर काफी सस्ती पड़ती थी।
अंतरराष्ट्रीय कॉल सेवा मुहैया कराने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया, ‘भारत में भारती, टाटा, रिलायंस, बीएसएनएल ही एनएलडी और आईएलडी सेवा मुहैया कराती हैं। ऐसे में किसी भी एक कंपनी के दाम घटाने का मतलब है कि सभी को दाम घटाने पडेंगे जिससे उनके ग्राहक किसी और कंपनी के ग्राहक नहीं बने। इसीलिए कॉल दर कम होने की संभावना भी क म ही है।’
ट्राई ने सरकार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऑपरेटरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वॉयस कॉल सेवा मुहैया कराने के लिए कॉलिंग कार्डस इश्यू करने की राय दी है। एयरटेल का सिम इस्तेमाल करने वाला ग्राहक यह कार्ड एनएलडी और आईएलडी सेवा प्रदाता कंपनियां जैसे बीएसएनएल से खरीद सकता है और एक स्पेशल कोड के जरिए बीएसएनएल के नेटवर्क से जुड़कर एसटीडी और आईएसडी कॉल कर सकता है यानी किसी कंपनी की सेवा इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों के पास दूसरी कंपनी की सेवाएं भी ले सकते हैं।
भारतीय कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मुझे नहीं लगता कि इससे कीमतों में 5 फीसदी से ज्यादा की कमी आएगी।’ उन्होंने बताया कि इसके कई नकारात्मक पहलू भी हैं। जैसे कि ग्राहकों को इस सेवा का लाभ उठाने के लिए फोन नंबर से पहले एक लंबा नंबर डायल करना पड़ेगा। इसके अलावा उन्हें प्रीपेड कॉलिंग कार्डस खरीदने पडेंगे, ग्राहक कॉल करने के बाद इसका भुगतान नहीं कर पाएंगे। तीसरी बात यह है कि लोकल और एसटीडी कॉल की दरें पहले ही इतनी कम हैं कि इस कार्ड को खरीदने से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।