जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों को उम्मीद है कि निवेशक आगामी दूसरी तिमाही के नतीजों और भारतीय आईटी कंपनियों की टिप्पणियों का विश्लेषण ‘विफल’ रहे वर्ष के बाद वित्त वर्ष 2025 के दौरान सौदों में सुधार के संकेतों के लिहाज से करेंगे।
विश्लेषक अंकुर रुद्र और भाविक मेहता ने एक नोट में कहा है कि इस क्षेत्र के संबंध में हमारा रुख नकारात्मक बना हुआ है क्योंकि हमने अपनी हालिया जांच में मांग में कोई सार्थक वृद्धि नहीं देखी है। हमें लगता है कि संपूर्ण स्थिति पिछली तिमाही की तरह सकारात्मक नहीं है।
इन्फोसिस, टीसीएस, विप्रो और एचसीएलटेक समेत सभी प्रमुख आईटी कंपनियां पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि ग्राहक, जिनमें से अधिकांश अमेरिका के हैं, अपना आईटी खर्च कम कर रहे हैं, सौदों में विलंब कर रहे हैं और यहां तक कि उन्हें रद्द भी कर रहे हैं क्योंकि आर्थिक वृद्धि धीमी हो गया है तथा ब्याज दरों में लंबे समय तक बढ़ोतरी की आशंका है।
विश्लेषकों ने कहा कि निवेशकों ने मान लिया है कि वित्त वर्ष 2024 विफल हो गया है और उन्होंने अपना ध्यान वित्त वर्ष 2025 पर केंद्रित कर दिया है, जिससे उन्हें सुधार की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि निफ्टी आईटी इंडेक्स ने पिछले तीन महीनों के दौरान ब्लू-चिप निफ्टी 50 से बेहतर प्रदर्शन किया है।