टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) ने उन अफवाहों पर फुल स्टॉप लगा दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि Starbucks भारतीय बाजार से अलविदा कहने वाला है। टाटा ने गुरुवार को एक बयान में इन खबरों को “बिना किसी आधार वाली” यानी बेसलेस बताया है।
बता दें कि टाटा और अमेरिकी कंपनी Starbucks Corporation का 50:50 का जॉइंट वेंचर है। भारत में यह जॉइंट वेंचर Starbucks ब्रांड के नाम से कैफे चेन चलाता है, जो इंडिया की टॉप कैफे चेन में से एक है।
2028 तक 1,000 स्टोर्स तक पहुंचने का लक्ष्य
Starbucks ने सितंबर के अंत तक 70 शहरों में 457 स्टोर्स खोले थे और कंपनी का लक्ष्य FY28 तक इसे 1,000 स्टोर्स तक ले जाने का है।
कंपनी की कमाई (revenue) FY24 में 12% बढ़कर ₹1,218.06 करोड़ पर पहुंच गई, लेकिन तेजी से बढ़ने की इस दौड़ में घाटा ₹24.97 करोड़ (FY23) से उछलकर ₹79.97 करोड़ हो गया।
विज्ञापन और प्रमोशन पर खर्च 26.8% बढ़कर ₹43.20 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि रॉयल्टी ₹86.15 करोड़ रही। ये आंकड़े Tofler से सामने आए हैं।
TCPL के MD और CEO सुनील डी’सूजा ने हाल ही में न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि उनका फोकस भारत में Starbucks की चेन को बड़े पैमाने पर विस्तार देने पर है, न कि अभी स्टोर की कमाई पर।
स्टारबक्स ने उन रिपोर्ट्स पर सफाई दी है, जिनमें कहा गया था कि कंपनी इंडिया से ऑपरेशन बंद करने की प्लानिंग कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑपरेटिंग कॉस्ट ज्यादा होने, लॉसेस बढ़ने और लोकल सस्ते ऑप्शंस के चलते कंपनी यह फैसला ले सकती है।
स्टारबक्स की तरफ से PTI को दिए गए एक बयान में D’souza ने कहा, “हम क्लियर हैं कि स्टोर की प्रॉफिटेबिलिटी कोई इशू नहीं है। जब हम स्केल पर पहुंचेंगे, तो प्रॉफिट जनरेट कर पाएंगे।”
इसके बाद, टाटा ग्रुप की FMCG कंपनी TCPL ने गुरुवार को रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी “बेसलेस” है।
बता दें कि स्टारबक्स ने अक्टूबर 2012 में टाटा ग्रुप के साथ जॉइंट वेंचर के जरिए इंडिया में एंट्री की थी। इंडिया का पहला स्टारबक्स स्टोर मुंबई के एल्फिंस्टन बिल्डिंग में खोला गया था।