रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं (FMCG) की ग्रामीण मांग अगले 6 महीने में बढ़ने की संभावना है, क्योंकि रबी की फसल शानदार रहने की उम्मीद की जा रही है। वहीं बजट में की गई घोषणाओं से भी दूरस्थ इलाकों में एक समय के बाद मांग बढ़ने की संभावना है।
उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़ी कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि लखपति दीदी, पीएम आवास योजना और पीएम मुद्रा ऋण से ग्रामीण खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी, लेकिन इसमें वक्त लगेगा।
अदाणी विल्मर के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) आंग्शु मलिक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘ग्रामीण खपत को लेकर बजट बहुत सकारात्मक है। बहरहाल अगले 6 महीने में स्थिति कैसी रहती है यह रबी की फसल पर निर्भर होगा। अगर फसल अच्छी रहती है तो निश्चित रूप से मांग तेज होगी।’
मलिक ने कहा कि अगर 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच बेमौसम भारी बारिश नहीं होती है, तो गेहूं और सरसों का बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है।
पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए। शाह ने कहा, ‘रबी सीजन का औसत रकबा बढ़ा है और इसका लाभ मिलेगा। बजट में की गई घोषणाओं का असर होगा, लेकिन एक वक्त के बाद ही ऐसा होगा। बजट में की गई घोषणाओं से रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और पूंजीगत व्यय ज्यादा होने से रोजगार मिलेगा। इसका परिणाम दीर्घावधि के हिसाब से नजर आएगा।’
देश की सबसे बड़ी शेविंग क्रीम कंपनी वी-जॉन के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) विमल पांडे ने कहा कि इस समय बाजार में नकदी का संकट है और रबी की फसल की कटाई के बाद स्थिति में कुछ सुधार की संभावना है। पांडे का मानना है कि चुनाव तक हाथ तंग रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण बाजार बेहतर नहीं जा रहे हैं, लेकिन रबी की फसल की कटाई के बाद अभी चल रहे दबाव से कुछ राहत मिलेगी।’
मार्केट रिसर्च फर्म नील्सन आईक्यू (NIQ) के कंज्यूमर हेड रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा कि आवास, शिक्षा, पर्यटन और ऋण योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर सुधारने की कवायद उपभोक्ताओं पर जोर और औद्योगिक उन्नति को रेखांकित करती है।