सीजी पावर की सेमीकंडक्टर पैकेजिंग इकाई सीजी सेमी फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनियों और यूरोप व अमेरिका की इंटिग्रेटेड डिवाइस मैन्युफैक्चरर (आईडीएम) से बातचीत कर रही है, जो साणंद संयंत्र में उनके चिप के पैकेज के लिए है। सीजी पावर के चेयरमैन वेलायन सुबैया ने ये बातें कही।
सुबैया ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, कुछ लोगों ने पहले ही इसमें रुचि दिखाई है और हमारे उत्पादों का परीक्षण करने के लिए यहां आना शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया हमारे लिए उत्साहजनक है। इसलिए उपभोक्ता, औद्योगिक और ऑटोमोटिव (सेमीकंडक्टर चिप्स) पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा यहां वही होगा जो ग्राहक चाहते हैं। वे हाल ही में संपन्न सेमीकॉन इंडिया के 2025 संस्करण के अवसर पर बोल रहे थे।
सुबैया ने कहा कि आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट (ओएसएटी) और असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (एटीएमपी) संयंत्रों के संभावित ग्राहक आमतौर पर तब तक गंभीर बातचीत में शामिल नहीं होते हैं जब तक कि इन इकाइयों से पैक किए गए सेमीकंडक्टर चिप्स को योग्य नहीं बनाया जा सकता, ग्राहक के मानकों पर परीक्षण नहीं किया जा सकता और फिर वाणिज्यिक स्तर तक नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्होंने कहा, अब हमारे पास एक संयंत्र है, जिसे हम उन्हें दिखा सकते हैं। यही सबसे रोमांचक बात है। यह संयंत्र पहले से ही काम कर रहा है और हमारे सबसे बड़े ग्राहक रेनेसास के लिए चिप्स को क्वालिफाई कर रहा है। तो अब बाकी संयंत्र भी आ रहे हैं। उम्मीद है कि हम उनमें से कुछ को भी क्वालिफाई करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तैयार कर लेंगे।
साणंद संयंत्र (जहां सीजी पावर की सीजी सेमी 7,600 करोड़ रुपये तक निवेश करने की योजना बना रही है) का निर्माण रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन और थाइलैंड की स्टार्स माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ साझेदारी में किया जा रहा है। सीजी सेमी ने हाल ही में भारत की पहली एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर चिप ओएसएटी प्रायोगिक लाइन लॉन्च की है और उसे उम्मीद है कि वह साणंद में अपनी जी-1 सुविधा से चिप्स का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर देगी।
तीन किलोमीटर दूर जी-2 सुविधा का निर्माण भी 2026 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। जी-2 सुविधा का निर्माण पूरा होने के बाद उस संयंत्र में उत्पादित चिप्स को भी अंतिम ग्राहकों द्वारा योग्यता परीक्षण से गुजरना होगा। सुबैया ने कहा कि योग्यता प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद उस संयंत्र से चिप्स का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, गुणवत्ता एक आवश्यक मानदंड है। अगगर आप आवश्यक गुणवत्ता और यील्ड प्राप्त नहीं करते हैं तो आपको मेज पर बैठने का भी मौका नहीं मिलेगा। एक बार जब आप गुणवत्ता और यील्ड दोनों प्राप्त कर लेते हैं तो अगला चरण आपूर्ति श्रृंखला की लागत और प्रभावशीलता पर केंद्रित होते हैं। ये भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
इस वर्ष अगस्त में उद्घाटित प्रायोगिक लाइन की क्षमता 5 लाख चिप्स रोजाना है जबकि निर्माणाधीन जी-2 सुविधा की अधिकतम क्षमता 145 लाख चिप्स रोजाना होने की उम्मीद है।
प्रायोगिक लाइन और जी-1 सुविधा पर अभी करीब 200 लोग काम कर रहे हैं, जिनमें कई प्रवासी शामिल हैं। सुबैया ने बताया कि कुल मिलाकर सीजी पावर को उम्मीद है कि जी-1 और जी-2 सुविधाओं में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद दोनों में करीब 2,500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा।