facebookmetapixel
35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजीएमएसएमई का सरकार से एनपीए नियमों में बड़े संशोधन का आग्रह, 90 से 180 दिन की राहत अवधि की मांगएनएफआरए में कार्य विभाजन पर विचार, सरकार तैयार कर रही नई रूपरेखाकोयले से गैस भी बनाएगी NTPCलालकिले के धमाके का असर! विदेशियों की बुकिंग पर दबाव, लेकिन उद्योग बोले– असर होगा सिर्फ कुछ दिनों काअल्ट्राटेक से अदाणी तक: रद्द खदानों पर कंपनियों को राहत, सरकार ने शुरू की अंतिम मुआवजा प्रक्रिया

Semiconductor Market: भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2030 तक $100 बिलियन पहुंचने की उम्मीद: जितिन प्रसाद

मोहाली में स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी को आधुनिक बनाने की भी योजना है, जिससे इस लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी।

Last Updated- July 31, 2024 | 11:49 PM IST
Semiconductor

भारत में चिप डिजाइन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को संसद में बताया कि साल 2030 तक भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।

सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें चिप बनाने वाली फैक्ट्रियों (चिप फैब), डिस्प्ले बनाने वाली फैक्ट्रियों, चिप टेस्टिंग और पैकेजिंग प्लांट्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं (PLI) शामिल हैं। इसके अलावा, चिप डिजाइन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (DLI) भी शुरू की गई है। साथ ही, स्थानीय कंपोनेंट बनाने और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान बनाने को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मोहाली में स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी को आधुनिक बनाने की भी योजना है, जिससे इस लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी। भारत का सेमीकंडक्टर बाजार तेजी से बढ़ रहा है। साल 2023 में यह 38 बिलियन डॉलर था, जो 2030 तक बढ़कर 109 बिलियन डॉलर हो जाएगा। यानी हर साल औसतन 16% की बढ़ोतरी होगी।

इस बढ़ोतरी में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका गुजरात के धोलेरा में बनने वाली चिप फैक्ट्री की होगी। इसे टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्पोरेशन मिलकर बना रहे हैं। सरकार का कहना है कि यह फैक्ट्री 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगी और सालाना 3 बिलियन चिप्स का उत्पादन करेगी। इस पर कुल 10.9 बिलियन डॉलर खर्च होंगे, जिसमें सरकार की भी मदद होगी।

यह फैक्ट्री 28nm, 50nm, 55nm और 90nm साइज़ की चिप्स बनाएगी। इनका इस्तेमाल रेलवे, इलेक्ट्रिक गाड़ियों, और घर के इलेक्ट्रॉनिक सामानों में होगा। इसके अलावा, चिप्स को असेंबल, टेस्ट, मार्क और पैक करने वाली फैक्ट्रियां भी खोली जा रही हैं। अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन ने 2022 में ऐसी ही एक फैक्ट्री लगाने की घोषणा की थी, जिस पर 2.75 बिलियन डॉलर खर्च होंगे।

भारत में चिप डिजाइन का भी तेजी से विकास हो रहा है। अमेरिकी चिप बनाने वाली कंपनी क्वालकॉम ने मंगलवार को भारत के लिए एक नया मोबाइल प्रोसेसर प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो सस्ते स्मार्टफोन के लिए बनाया गया है। क्वालकॉम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिस पैट्रिक ने कहा कि कंपनी के ज्यादातर नेटवर्किंग मॉडेम और कई दूसरे चिप्स भारत में ही डिजाइन किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में क्वालकॉम के 15,000 इंजीनियर काम करते हैं, जो शायद अमेरिका के मुख्यालय के बाद सबसे बड़ी संख्या है। कंपनी उन जगहों पर जाती है जहां ज्यादा इंजीनियर मिलते हैं, और भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बहुत प्रतिभा है।

इसलिए, चिप डिजाइन भी भारत के सेमीकंडक्टर बाजार को 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा। अनुमान के मुताबिक, भारत में दुनिया के लगभग पांच में से एक चिप का डिजाइन तैयार किया जाता है। यहां पर अच्छे इंजीनियरों की उपलब्धता के कारण कई बड़ी कंपनियां भारत में अपना काम बढ़ा रही हैं।

एक और बड़ी अमेरिकी चिप कंपनी, एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेस (AMD) ने पिछले साल जुलाई में भारत में अपने चिप रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) कामों को बढ़ाने के लिए 400 मिलियन डॉलर लगाने की घोषणा की थी। इससे भारत दुनिया में सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है।

सरकार अब एक नई योजना लाने वाली है, जिससे देश में चिप बनाने के लिए जरूरी छोटे पुर्जे ज्यादा बन सकेंगे। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह योजना बन रही है, और इसमें सेमीकंडक्टर के पुर्जों पर खास ध्यान दिया जाएगा। इससे भारत दुनिया में सामान बनाने की प्रक्रिया में और ज्यादा अहम भूमिका निभा सकेगा।

First Published - July 31, 2024 | 10:35 PM IST

संबंधित पोस्ट