facebookmetapixel
FD Rates: दिसंबर में एफडी रेट्स 5% से 8% तक, जानें कौन दे रहा सबसे ज्यादा ब्याजट्रंप प्रशासन की कड़ी जांच के बीच गूगल कर्मचारियों को मिली यात्रा चेतावनीभारत और EU पर अमेरिका की नाराजगी, 2026 तक लटक सकता है ट्रेड डील का मामलाIndiGo यात्रियों को देगा मुआवजा, 26 दिसंबर से शुरू होगा भुगतानटेस्ला के सीईओ Elon Musk की करोड़ों की जीत, डेलावेयर कोर्ट ने बहाल किया 55 बिलियन डॉलर का पैकेजत्योहारी सीजन में दोपहिया वाहनों की बिक्री चमकी, ग्रामीण बाजार ने बढ़ाई रफ्तारGlobalLogic का एआई प्रयोग सफल, 50% पीओसी सीधे उत्पादन मेंसर्ट-इन ने चेताया: iOS और iPadOS में फंसी खतरनाक बग, डेटा और प्राइवेसी जोखिम मेंश्रम कानूनों के पालन में मदद के लिए सरकार लाएगी गाइडबुकभारत-ओमान CEPA में सामाजिक सुरक्षा प्रावधान पर होगी अहम बातचीत

फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने जनेरिक के साथ दवाओं के ब्रांड नाम लिखने की भी मांगी अनुमति

चिकित्सकों और उद्योग जगत ने सुझाव दिया है कि नुस्खे में दवाओं के जनेरिक नाम लिखने के साथ-साथ ब्रांड नाम का भी उल्लेख किया जाना चाहिए

Last Updated- August 21, 2023 | 10:00 PM IST
Govt meets pharma industry, doctors to discuss NMC guidelines

राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) के हालिया नियमन को लेकर फार्मा उद्योग के प्रतिनि​धियों और चिकित्सकों ने आज दिल्ली में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अ​धिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने दवाओं के जनेरिक नाम के साथ-साथ दवाओं के ब्रांड लिखने की अनुमति देने की मांग की। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्र ने इसकी जानकारी दी।

सरकारी अ​धिकारियों के साथ करीब दो घंटे तक चली बैठक में चिकित्सकों के शीर्ष निकाय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधियों, फार्मा लॉबी समूह इंडियन फार्मा अलायंस के सदस्यों ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) द्वारा जारी नए नियमन पर चर्चा की। एनएमसी ने चिकित्सकों के लिए केवल जनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य कर दिया है। आईएमए के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा कि बैठक सार्थक रही और सरकार ने सुझावों पर ध्यान दिया है।

 

P। ऐसा नहीं होने से उपचार चिकित्सकों के हाथों से निकलकर दवा विक्रेताओं के पास चला जाएगा। हालांकि अभी यह देखना होगा कि उद्योग की प्रतिक्रिया के बाद एनएमसी अपने दिशानिर्देश में संशोधन करता है या नहीं।

दिलचस्प है कि दवा विक्रेता संघ भी इस निर्णय से खुश नहीं है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स के महा​सचिव राजीव सिंघल ने कहा कि जनेरिक दवाओं के मामले में सरकार के हालिया निर्णय से भविष्य में बड़ी कंपनियों का एका​धिकार हो सकता है। दवाओं की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।

First Published - August 21, 2023 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट