उद्योग

रियल मनी गेमिंग पर बैन से विज्ञापन उद्योग को झटका, खेल विज्ञापनों में 15% गिरावट संभव

सरकार के रियल मनी गेमिंग प्रतिबंध से खेल श्रेणी में विज्ञापन खर्च 15% तक घट सकता है, जिससे कंपनियों और टूर्नामेंट स्पॉन्सरशिप पर बड़ा असर पड़ेगा।

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रोशिनी शेखर   
Last Updated- August 24, 2025 | 10:04 PM IST

रियल मनी गेमिंग (आरएमजी) पर सरकार के प्रतिबंध के बाद देश के विज्ञापन उद्योग में, खास तौर पर खेल श्रेणी में, अल्पावधि के दौरान विज्ञापनों में 15 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। हाल के वर्षों में खेल श्रेणी प्रमुख विज्ञापनदाताओं में से एक रही है। आरएमजी द्वारा टूर्नामेंट प्रायोजित न कर पाने से खेल परिसंपत्तियों को भी अंतरिम राजस्व का नुकसान झेलना पड़ सकता है।

शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और नियमन अधिनियम, 2025 पर हस्ताक्षर किए। मामले के जानकार एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इसके परिणामस्वरूप त्योहारी और खेल विज्ञापन खर्च में अल्पावधि के दौरान करीब 500 करोड़ रुपये से लेकर 600 करोड़ रुपये तक की कमी की आशंका है। सूत्र ने कहा कि दीर्घावधि के दौरान भारत में विज्ञापन खर्च पर करीब 18,000 करोड़ रुपये से 20,000 करोड़ रुपये तक की कमी आ सकता है।

विज्ञापन क्षेत्र के अधिकारी ने बताया, ‘पहले मांग और आपूर्ति (विज्ञापनों में) संतुलित थी। अब आपूर्ति अधिक होगी और मांग कम होगी। इसलिए टी-शर्ट पर फ्रैंचाइजी ब्रांडिंग या इन्वेंट्री जैसे अधिकार हासिल करने की लागत कम हो जाएगी और यह मुश्किल में भी आ सकती है।’

साल 2023 से 2025 की अवधि के लिए टीम इंडिया की जर्सी की प्रायोजक ड्रीम11 सबसे बड़ी आरएमजी विज्ञापनदाताओं में से एक है। सूत्र ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी प्रमुख खेल परिसंपत्तियों में बड़ी गिरावट नहीं आएगी। एक या दो टूर्नामेंटों के लिए अंतरिम राजस्व की हानि और कुछ अल्पकालिक बदलाव हो सकते हैं, लेकिन दीर्घावधि में इन परिसंपत्तियों का महत्त्व बना रहेगा। इसी तरह ब्रांड फाइनैंस के प्रबंध निदेशक अजीमन फ्रांसिस ने कहा कि हालांकि आईपीएल और डब्ल्यूपीएल जैसे विभिन्न लीग खेलों के प्रायोजकों में कमी आ सकती है, लेकिन इस कमी को अन्य क्षेत्रों और ब्रांडों द्वारा पूरा किया जा सकता है, जो अपेक्षाकृत तेजी से बढ़ रहे हैं, जैसे ई-कॉमर्स और वेलनेस ब्रांड वगैरह।

ईवाई इंडिया के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के प्रमुख आशिष फेरवानी ने कहा, ‘अगर रियल मनी गेमिंग के विज्ञापनों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाता है तो कुल विज्ञापन खर्च पर वार्षिक स्तर पर इसका असर वर्ष भर में 8 से 10 प्रतिशत के दायरे में हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि कैलेंडर वर्ष 2025 के मामले में चूंकि इसका कार्यान्वयन कैलेंडर वर्ष के केवल एक हिस्से में ही रहेगा। इसलिए इसका प्रभाव उस आंकड़े के एक-तिहाई के करीब हो सकता है।’

First Published : August 24, 2025 | 10:04 PM IST