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Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर उद्घाटन से पहले पटाखों की मांग बढ़ी

Ram Mandir Pran Pratistha: भारी मांग के बावजूद विनिर्माताओं को भरोसा नहीं है कि पटाखों की बिक्री बहुत अधिक रहेगी।

Last Updated- January 19, 2024 | 11:16 PM IST
Demand surges for firecrackers ahead of Ram Mandir inauguration राम मंदिर उद्घाटन से पहले पटाखों की मांग बढ़ी

अयोध्या पूरी धूमधाम के साथ 22 जनवरी को राम मंदिर में राम लला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार है। इसके लिए देश भर में जबरदस्त उत्साह दिख रहा है और जश्न मनाने के लिए आतिशबाजी की मांग बढ़ गई है।

उद्योग सूत्रों का कहना है कि तमिलनाडु के शिवकाशी शहर के कारोबारियों को केवल उत्तर भारत से मांग में पिछले साल के मुकाबले 20 से 30 फीसदी की वृद्धि दिख रही है। देश में 90 फीसदी पटाखे शिवकाशी में ही बनते हैं।

भारी मांग के बावजूद विनिर्माताओं को भरोसा नहीं है कि पटाखों की बिक्री बहुत अधिक रहेगी क्योंकि पिछले दिनों मौसम अनुकूल न होने के कारण उनका उत्पादन प्रभावित हुआ है।

तमिलनाडु में हालिया बारिश और चक्रवाती तूफान के कारण पर्याप्त मात्रा में पटाखे नहीं बन पाए हैं। पटाखा उद्योग के लोगों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि दीवाली से पोंगल तक उत्पादन ही नहीं हुआ क्योंकि लगातार बारिश के कारण हालात बहुत खराब थे।

पटाखा विनिर्माताओं के संगठन द इंडियन फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TIFMA) के महासचिव टी कन्नन ने कहा, ‘हम उत्तर भारत से जबरदस्त मांग देख रहे हैं। मगर हालिया बारिश के कारण वह बिक्री में तब्दील नहीं हो रही है। बारिश की वजह से हम इतनी बड़ी मात्रा में उत्पादन नहीं कर पाए।’

शिवकाशी का लगभग हर परिवार भारत के त्योहारी सीजन में योगदान करता है। वहां पटाखा कारोबार से करीब 3 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 5 लाख को परोक्ष रोजगार मिलता है। तमिलनाडु के विरुदुनगर जिले में 1,175 पटाखा इकाइयां हैं। शिवकाशी इसी जिले में आता है।

कन्नन ने कहा, ‘सैकड़ों ग्राहक पूछताछ कर रहे हैं मगर काफी दिनों बाद कल ही यहां धूप खिली। पिछले साल दो बड़ी खेप लेने वाला एक कारोबार इस बार कई बड़ी खेप मांग रहा है।’

दिल्ली जैसे शहरों में पटाखों पर लगा प्रतिबंध 1 जनवरी से खत्म होने के कारण ऐसे तमाम आयोजन होने की उम्मीद है। प्रतिबंध के तहत पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाने वाले यानी ग्रीन पटाखे सहित सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, जलाने और बिक्री पर रोक लगा दी गई थी।

शिवकाशी फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन के मुरली असईतांबी ने कहा, ‘आम तौर पर हम दीवाली के 10 से 15 दिनों बाद उत्पादन शुरू कर देते हैं। इस बार पिछले हफ्ते तक तमिलनाडु में बारिश ही होती रही। इसलिए दीवाली से पोंगल तक कोई उत्पादन नहीं हो सका। ऐसा कभी होता नहीं है।’

उद्योग का अनुमान है कि कोविड से पहले शिवकाशी का पटाखा उद्योग करीब 3,000 करोड़ रुपये का था, जो अब घटकर 2,000 करोड़ रुपये का ही रह गया है।

असईतांबी ने कहा, ‘लोगों ने राम मंदिर के उद्घाटन के कारण मांग देखकर माल खरीदा है। मगर यह नहीं पता कि उसका कितना इस्तेमाल हो पाएगा। लगभग 40 दिनों तक उत्पादन ही नहीं हो पाया है।’ जो इकाइयां खुल गई हैं वे भी 40 फीसदी क्षमता से ही काम कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने राम मंदिर के उद्घाटन के दिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी 22 जनवरी को सभी कार्यालयों एवं संस्थानों में दोपहर ढाई बजे तक आधे दिन की छुट्टी कर दी है।

खबर है कि मॉरिशस की सरकार ने हिंदू सरकारी कर्मचारियों के लिए दो घंटे की छुट्टी घोषित की है। विभिन्न विकसित देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के सदस्य भी जश्न मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं।

First Published - January 19, 2024 | 11:16 PM IST

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