राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान वैश्विक निवेश सम्मेलन 2024 का सोमवार को उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भर के निवेशक निवेश गंतव्य के तौर पर भारत के प्रति उत्साहित हैं। देश की आर्थिक सफलता ने लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, डिजिटल डेटा और डिलीवरी के असली ताकत को दर्शाया है।
देश के शीर्ष उद्योगपतियों, राजस्थान के प्रवासी भारती यों और 32 देशों के निवेशकों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में राजस्थान के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को दोगुना कर 350 अरब डॉलर करने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल 15 दिसंबर को एक साल पूरा करने वाली उनकी सरकार ने राज्य में निवेश वातावरण को सुधारने के लिए 10 नई नीतियां पेश की हैं और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि निवेश सम्मेलन के हिस्से के रूप में सरकार ने 35 लाख करोड़ रुपये का समझौता करार किया है।
निवेश सम्मेलन में प्रधानमंत्री के संबोधन से पहले वेदांत समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के आनंद महिंद्रा और अदाणी पोर्ट्स के प्रबंध निदेशक करण अदाणी जैसे देश के शीर्ष उद्योगपतियों ने भी अपने विचार रखे।
9 से 11 दिसंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का थीम ‘रिप्लीट, रिस्पॉन्सिबल, रेडी’ (परिपूर्ण, जिम्मेदार, तैयार) है। इसमें 12 क्षेत्रीय सत्र होंगे, जिनमें जल संरक्षण, टिकाऊ खनन, टिकाऊ वित्त, समावेशी पर्यटन, कृषि कारोबार नवाचार और महिलाओं के नेतृत्व वाली स्टार्टअप शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान भागीदार देशों के साथ आठ देशों के सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव और एमएसएमई कॉन्क्लेव जैसे अन्य सत्र भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान ग्लोबल बिजनेस एक्सपो का भी उद्घाटन किया, जहां थीमैटिक पैवेलियन हैं। सम्मेलन में 16 भागीदार देशों और 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों सहित 32 से अधिक देश भाग ले रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने दिखाया है कि कैसे डिजिटल प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण हर क्षेत्र और हर वर्ग को फायदा पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से बढ़ी है और निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दोगुना हो गया है। इसके अलावा देश का बुनियादी ढांचा व्यय भी करीब 2 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे मौजूदा सदी तकनीक-संचालित और डेटा-संचालित है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान भारत दो बड़े आर्थिक केंद्रों दिल्ली और मुंबई को जोड़ता है तथा महाराष्ट्र और गुजरात के बंदरगाहों को उत्तरी भारत से जोड़ता है। इसके अलावा दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा (डीएमआईसी) का 250 किलोमीटर हिस्सा भी राजस्थान से ही होकर गुजरता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा से अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जैसे जिलों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 300 किलोमीटर का डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर भी है, जिससे शुष्क बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को फायदा मिलता है। राइजिंग राजस्थान निवेश सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने राज्य की पर्यटन क्षमता पर भी बात की।