देश के प्रमुख बंदरगाहों में जहाजों का टर्न अराउंड समय 9 फीसदी घटकर 48 घंटे (2 दिन) हो गया है। टर्न अराउंड समय में जहाज से माल उतार कर और माल लादकर जहाज को आगे के समुद्री सफर के लिए तैयार करने की प्रक्रिया शामिल होती है। बीते वर्ष यह अवधि 52.9 घंटे थी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘वित्त वर्ष 24 में प्रमुख बंदरगाहों पर आगमन तेज होने के कारण सामान लादने की क्षमता में इजाफा हुआ। इस अवधि में प्रमुख बंदरगाहों पर कुल ट्रैफिक 4.5 फीसदी बढ़कर 81.9 करोड़ टन हुआ।’
केंद्र सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन प्रमुख बंदरगाह हैं जबकि गैर प्रमुख बंदरगाह राज्य सरकारों और निजी कंपनियों के पास हैं। पोत परिवहन मंत्रालय के अनुसार बीते वित्त वर्ष में बर्थ पर प्रत्येक जहाज का प्रति दिन का औसत उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़कर 18,925 टन हो गया।
प्रमुख बंदरगाहों की जहाजों को संचालन करने की क्षमता 6.32 फीसदी बढ़कर 23,240 जहाज हो गई।ईवाई के इनवेस्टमेंट बैंकिंग पार्टनर (पत्तन एवं पोत परिवहन ) सुशी एस श्यामल ने बताया, ‘बंदरगाहों ने नई तकनीक और उन्नत क्रेन में निवेश किया है।
इससे बंदरगाह प्रति घंटे अधिक कार्य कर सकते हैं। प्रमुख बंदरगाहों पर निगरानी और ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं और इनसे वास्तविक समय के आधार पर आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। इससे संचालन दक्षता और प्रक्रिया बेहतर हुई। डिजिटल सेवाएं जैसे सागर सेतु मोबाइल ऐप के माध्यम से बंदरगाह की वास्तविक समय के आधार पर संचालन और निगरानी की सुविधा प्राप्त होती है।
इसके अलावा कई सुधार लागू किए गए हैं। जैसे बंदरगाह पर विभिन्न मंजूरियों के लिए पेपरलेस प्रक्रिया, सीमा शुल्क विभाग का फेसलेस मूल्यांकन, ई वे बिल के उपबंध आदि लागू करना।’ प्रमुख बंदरगाहों पर 2023-24 में जहाजों की प्री बर्थिंग डिटेंशन 31फीसदी घटकर 5.91 घंटे हो गई जबकि यह पहले 8.53 घंटे थी।