रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार संशोधित पेट्रोलियम, रसायन और पेट्रोकेमिकल्स निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर) नीति को गति देने पर काम कर रही है। शुक्रवार को एशिया पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री कॉन्फ्रेंस में मांडविया ने कहा कि उत्पाद की हर श्रेणी में भारत की आयात पर निर्भरता कम करना प्रमुख लक्ष्य बना हुआ है।
इस समय बेंजीन को छोड़कर भारत सभी रसायनों की घरेलू जरूरत पूरी करने में अक्षम है। भारत का रसायन उद्योग बहुत ज्यादा विविधीकृत है और 80,000 से ज्यादा वाणिज्यिक उत्पादों में इसका इस्तेमाल होता है। इसे व्यापक रूप से बल्क केमिकल्स, स्पेशलिटी केमिकल्स, एग्रो केमिकल्स, पेट्रो केमिकल्स, पॉलिमर और फर्टिलाइजर में विभाजित किया गया है।
सरकार से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि आपूर्ति की तुलना में मांग ज्यादा है। विनिर्माण संयंत्रों की स्थापना के लिए 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विशेष रूप से तैयार निवेश क्षेत्र की योजना बनाई गई है।