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ONGC-NTPC ने अयाना रीन्यूएबल पावर का 19,500 करोड़ में अधिग्रहण किया

सरकारी कंपनियों का अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में पहला बड़ा निवेश, 4GW क्षमता वाली अयाना के जरिए नेट जीरो लक्ष्य की ओर बढ़त

Last Updated- February 12, 2025 | 11:03 PM IST
ONGC to import ethane to make up for changed Qatar LNG composition

सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी लिमिटेड और सरकार की ताप बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड के संयुक्त उद्यम ने अयाना रीन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड में 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। इस सौदे का मूल्य करीब 19,500 करोड़ रुपये है।

यह भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में किसी सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी का ऐसा पहला रणनीतिक निवेश है। इसकी घोषणा नई दिल्ली में चल रहे इंडिया एनर्जी वीक में की गई। देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में यह दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण है। इससे पहले 2021 में अदाणी ग्रीन एनर्जी ने 26,000 करोड़ रुपये के एक सौदे के तहत भारत में सॉफ्ट बैंक की अक्षय ऊर्जा परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया था।

ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड (ओजीएल) और एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) की बराबर हिस्सेदारी वाले संयुक्त उद्यम ओएनजीसी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लि. (ओएनजीपीएल) को इस सौदे की काफी उम्मीद थी। उसने नैशनल इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट पीएलसी (बीआईआई) एवं उसकी सहायक कंपनियों और एवरसोर्स कैपिटल की हिस्सेदारी खरीद ली है।

एनटीपीसी की अक्षय ऊर्जा इकाई एनजीईएल पिछले साल सितंबर में भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई थी। नवंबर 2024 में ओएनजीपीएल की स्थापना के बाद यह उसका पहला रणनीतिक निवेश है। अयाना रीन्यूएबल के पास 4 गीगावाट की परिचालन और निर्माणाधीन परिसंपत्तियां हैं।

ओएनजीसी ग्रीन लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी संजय कुमार मजूमदार ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के मद्देनजर अयाना का अधिग्रहण दोनों सरकारी कंपनियों के लिए एक महत्त्वपूर्ण उपलिब्ध है। उन्होंने कहा, ‘दो सबसे बड़े महारत्न सर्वजनिक उपक्रम के रूप में हम देश की अक्षय ऊर्जा आकांक्षाओं को पूरा करने में अपनी जिम्मेदारी को भलीभांति समझते हैं। यह अधिग्रहण हमें अपनी तकनीकी विशेषज्ञता, उद्योगों के साथ संबंध और वित्तीय ताकत का फायदा उठाते हुए भारत को कम कार्बन उत्सर्जन वाली अर्थव्यवस्था में बदलने रफ्तार को गति देने के लिए प्रेरित करता है।’

कंपनी की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह सौदा उसकी मूल कंपनियों- ओएनजीसी और एनटीपीसी- के नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों के अनुरूप है। ओएनजीसी ने 2038 तक और एनटीपीसी ने 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। बयान में कहा गया है कि ओएनजीपीएल अब आगे के विस्तार एवं वृद्धि के लिए अयाना के प्लेटफॉर्म का फायदा उठाएगी।

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के सीईओ राजीव गुप्ता ने कहा, ‘यह सौदा वित्त वर्ष 2032 तक 60 गीगावाट के लक्ष्य तक पहुंचने और देश में यूटिलिटी स्तर की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास में अग्रणी बनने के हमारे मिशन के अनुरूप है। इस प्रकार हरेक कदम पर हम अपने शेयरधारकों की अपेक्षाएं पूरी कर सकेंगे।’

अयाना रीन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 2018 में बीआईआई द्वारा की गई थी। साल 2019 में एनआईआईएफ और एवरसोर्स कैपिटल ने उसमें निवेश किया था। बीआईआई के प्रबंध निदेशक और एशिया प्रमुख श्रीनि नागराजन ने कहा, ‘बीआईआई ने भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 2018 में अयाना की स्थापना की थी। एनआईआईएफ और एवरसोर्स जैसे निवेशकों से 1 अरब डॉलर से अधिक की रकम जुटाने के साथ हमें अयाना की उपलब्धियों पर गर्व है। हम ओएनजीपीएल के नेतृत्व में उसके भविष्य के बारे में उत्साहित हैं।’

डेलॉयट टच तोमात्सु इंडिया एलएलपी ने इस लेनदेन के लिए ओएनजीपीएल के सलाहकार के रूप में काम किया। जेएसए एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स ने कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाई। कंपनी के बयान में कहा गया है कि विक्रेताओं की ओर से स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने लेनदेन सलाहकार और खेतान ऐंड कंपनी एवं साइरिल अमरचंद मंगलदास ने कानूनी सलाहकार की भूमिका निभाई।

First Published - February 12, 2025 | 11:03 PM IST

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